मोदी बोले- भारत-इंडोनेशिया का रिश्ता राम और बुद्ध का:हम हजारों साल के इतिहास से जुड़े; वर्चुअली जकार्ता के महाकुंभभिषेकम में शामिल हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को वर्चुअली इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सनातन धर्म आलयम के महाकुंभभिषेकम कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और प्रधानमंत्री जोको विडोडो भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं जकार्ता के मुरुगन मंदिर के महाकुंभभिषेकम जैसे कार्यक्रम का हिस्सा बन रहा हूं। राष्ट्रपति प्रबोवो की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया है। मैं फिजिकली भले ही जकार्ता से सैकड़ों किमी दूर हूं, पर मेरा मन इस आयोजन के उतने ही करीब है जितना भारत इंडोनेशिया के आपसी रिश्ते। पीएम ने आगे कहा- भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते सिर्फ जियोपोलिटिकल नहीं है। हम हजारों साल पुराने संस्कृति और इतिहास से जुड़े हैं। हमारे रिश्ते विरासत, ज्ञान, विश्वास और साझी आस्था , अध्यात्म का है। हमारा संबंध भगवान मुरुगन, भगवान राम और भगवान बुद्ध का है। भारत से इंडोनेशिया जाने वाला कोई इंसान जब प्रम्बानन मंदिर में हाथ जोड़ता है तो उसे काशी और केदार मंदिर जैसी ही आध्यात्मिक अनुभूति होती है। जब भारत के लोग इंडोनेशिया की काकावीन रामायण के बारे में सुनते हैं तो उनमें वाल्मीकि और कम्ब रामायण जैसी भावना जागती है। इस मंदिर के जरिए नया अध्याय जुड़ रहा भारतीय पीएम ने कहा कि भारत में इंडोनेशिया की रामलीला का मंचन होता है। बाली में जब हम 'होम स्वस्ति अस्ति' सुनते हैं तो भारत के वैदिक विद्वानों का स्वस्ति वाचन याद आता है। आपको यहां बोरोबुदुर स्तूप में बुद्ध की उन्हीं शिक्षाओं का अनुभव होता है, जिनका अनुभव हम सारनाथ करते हैं। ओडिशा में आज भी बाली उत्सव को सेलिब्रेट किया जाता है। आज भी भारत के लोग जब हवाई यात्रा के लिए गरुड इंडोनेशिया एयरलाइन में बैठते हैं तो उन्हें साझा संस्कृति का अनुभव होता है। जब प्रबोवो भारत आए थे तब हम दोनों ने इस साझी विरासत पर बात की। आज जकार्ता में भगवान मुरुगन के इस मंदिर के जरिए एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ रहा है। यह हमारी मंदिर न सिर्फ आस्था का बल्कि सांस्कृतिक एकता केंद्र बनेगा। भारत और इंडोनेशिया मिलकर प्रम्बानन मंदिर का संरक्षण करेंगे मुझे बताया गया है कि इस मंदिर में मुरुगन के अलावा अन्य देवी देवताओं की भी स्थापना की गई है। ये विविधता और बहुलता हमारी संस्कृति का आधार है। इंडोनेशिया में विविधता की इस परंपरा को 'भिन्नेका तुंगल इका' कहते हैं। भारत हम इसे विविधता में एकता कहते हैं। भारत और इंडोनेशिया में लोग एकता से रहते है। आज का यह पावन दिन हमें विविधता में एकता की प्रेरणा दे रहा है। हमारे सांस्कृतिक मूल्य, विरासत और धरोहर भारत और इंडोनेशिया के बीच पीपुल टू पीपुल कनेक्शन बड़ा रहे हैं। हमने साथ मिलकर प्रम्बानन मंदिर के संरक्षण का फैसला किया है। हमें ऐसे और कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। हमारा अतीत हमारे स्वर्णिम भविष्य का आधार बनेगा। गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि थे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के मुख्य अतिथि थे। प्रबोवो ने इस यात्रा पर भारत के साथ डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, फिनटेक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे कई मुद्दों पर समझौते किए। ------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... इंडोनेशियाई राष्ट्रपति बोले- मेरा DNA भारत का:भारतीय संगीत सुनकर नाचने लगता हूं, हमारी भाषा का बड़ा हिस्सा संस्कृत से आया भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के सम्मान में भोज का आयोजन किया। इस दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले मैंने अपना जेनेटिक सीक्वेंसिंग टेस्ट और DNA टेस्ट कराया था। इससे मुझे पता चला कि मेरा DNA भारतीय है। यहां पढ़ें पूरी खबर...

मोदी बोले- भारत-इंडोनेशिया का रिश्ता राम और बुद्ध का
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भारत-इंडोनेशिया के संबंधों का ऐतिहासिक महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वर्चुअल माध्यम से जकार्ता में आयोजित महाकुंभभिषेकम में भारत और इंडोनेशिया के बीच G संबंधों को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस संबंध को राम और बुद्ध के समय से जोड़ा, जो दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच हजारों वर्षों से गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहे हैं। भारत और इंडोनेशिया के बीच का यह रिश्ता न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आज भी दोनों देशों के लिए अर्थव्यवस्था, पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में मजबूत सहयोग का आधार है।
सांस्कृतिक और धार्मिक लक्षण
मोदी ने समारोह में कहा कि रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथ न केवल भारत में, बल्कि इंडोनेशिया में भी गहराई से बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि "हम एक ही सांस्कृतिक धारा के हिस्से हैं, जो सदियों से एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है।" यह पहल भारत और इंडोनेशिया के बीच न केवल आपसी स्नेह और सम्मान को दर्शाती है, बल्कि एक मजबूत साझेदारी को भी उजागर करती है। प्रमुख त्योहारों और परंपराओं का आदान-प्रदान इस रिश्ते की और मजबूती देता है।
आर्थिक और राजनीतिक सहयोग
भारतीय प्रधानमंत्री ने आगे यह भी बताया कि भारत और इंडोनेशिया का व्यापारिक संबंध भी बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों देशों को एक-दूसरे के बाजारों में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, मोदी ने सामुद्रिक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर सहयोग को और बढ़ाने की बात की। इस तरह की पहल न केवल इन देशों की स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी शांति और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
मोदी का यह बयान दर्शाता है कि भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नहीं हैं, बल्कि आधुनिक समय में भी ये संबंध सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भविष्य में, दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूती बढ़ाने के लिए कई पहल हो सकती हैं।
इसलिए, यह वक्त की जरूरत है कि हम अपने संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ें। Keywords: मोदी भारत इंडोनेशिया रिश्ता राम बुद्ध, जकार्ता महाकुंभभिषेकम, भारत इंडोनेशिया सांस्कृतिक संबंध, मोदी का जकार्ता भाषण, भारत इंडोनेशिया व्यापार सहयोग, भारतीय प्रधानमंत्री की घोषणा, भारत इंडोनेशिया इतिहास, रामायण महाभारत की विरासत, भारत इंडोनेशिया राजनीतिक संबंध, भारत और इंडोनेशिया में त्योहारों का आदान-प्रदान.
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