संतकबीरनगर CMO पर नियमों के उल्लंघन का आरोप:अपने चहेते को सीएचसी अधीक्षक बनाने के लिए ताक पर रखा शासनादेश

संतकबीरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सीएमओ रामानुज कन्नौजिया पर शासनादेश का उल्लंघन कर खलीलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अधीक्षक की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता शुभम यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि जिले में 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। नियमों के अनुसार, सीएचसी में अधीक्षक के पद पर केवल लेवल 3 या लेवल 4 के डॉक्टर की नियुक्ति की जा सकती है। मार्च 2024 में पूर्व अधीक्षक डॉक्टर आरएस यादव का सुल्तानपुर स्थानांतरण होने के बाद, सीएमओ ने लेवल-1 के डॉक्टर वरुणेश दुबे को खलीलाबाद सीएचसी का अधीक्षक नियुक्त कर दिया। शिकायत में कहा गया है कि जनपद और सीएचसी में डॉक्टर दुबे से वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद हैं। यह पहली बार नहीं है जब सीएमओ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी जिलाधिकारी उन्हें कई बार चेतावनी दे चुके हैं। डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है , जांच करवाई जाएगी, अगर मामला सही मिला तो कार्यवाही होगी

Feb 25, 2025 - 14:00
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संतकबीरनगर CMO पर नियमों के उल्लंघन का आरोप:अपने चहेते को सीएचसी अधीक्षक बनाने के लिए ताक पर रखा शासनादेश
संतकबीरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। सीएमओ रामानुज कन्नौ

संतकबीरनगर CMO पर नियमों के उल्लंघन का आरोप

संतकबीरनगर जिले के CMO पर अपने चहेते को CHC अधीक्षक बनाने के लिए शासनादेश को ताक पर रखने का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग में विवाद को जन्म दिया है। सूत्रों की माने तो CMO ने नियमों का उल्लंघन करते हुए नियुक्तियों में पारदर्शिता को नजरअंदाज किया। यह मामला अब प्रशासनिक स्तर पर जांच का विषय बन गया है।

शासनादेश का उल्लंघन

आरोप यह है कि CMO ने शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप नियमों के खिलाफ उठाले गए हैं। इस प्रकार की नियुक्तियों में आम जनता के हितों को नुकसान पहुंचता है, जो कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को सुनिश्चित करने का एक हिस्सा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अपने नियमों के माध्यम से सभी ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों की नियुक्ति के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान किया है।

जांच की दिशा

अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रक्रियाएं सही तरीके से अमल में लायी जाएं और किसी भी गलती की पुष्टि होने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

इस घटनाक्रम ने संतकबीरनगर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। संवाददाता का कहना है कि स्थानीय जनता इस व्यवहार से नाखुश है और वे आशा करते हैं कि संबंधित प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेगा।

इस प्रकार की घटनाएं केवल एक व्यक्ति के हितहीन होने का मामला नहीं, बल्कि समाज के कई लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण पर गंभीर प्रभाव डालती हैं, जो उचित स्वास्थ्य सेवाओं के निर्माण की मांग करते हैं।

अंत में, यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग को अपनी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। इस मामले की आगे की प्रगति का सभी को इंतजार है, ताकि सीएचसी अधीक्षकों की नियुक्तियों में निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।

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