हिमाचल में पटवारी-कानूनगो आज-परसो सामूहिक हड़ताल:28 फरवरी से अनिश्चितकालीन पैन डाउन-स्ट्राइक, स्टेट कैडर बनाने पर भड़के, हजारों लोगों को झेलनी पड़ेगी परेशानी
हिमाचल के किसी भी पटवार सर्किल दफ्तर में आज और परसों लोगों के काम नहीं होंगे। पटवारी-कानून संघ ने 25 और 27 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया है। इससे राज्य के 4000 से ज्यादा पटवारी-कानूनगो दो दिन सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। राज्य सरकार द्वारा इन्हें स्टेट कैडर में डालने के फैसले से भड़के पटवारी-कानूनगो ने आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। 28 फरवरी से पटवारी-कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे प्रदेश के हजारों लोगों को रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ेगी। 39 प्रकार की सेवाएं प्रभावित होगी राजस्व विभाग के माध्यम से मिलने वाली 39 प्रकार की सेवाएं आज ठप हो जाएगी। इनकी हड़ताल से रजिस्ट्री, डिमार्केशन, इंतकाल, तकसीम, गिरदावरी, बैंक की केसीसी रिपोर्ट के अलावा विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट जैसी सेवाएं नहीं मिल पाएगी। फैसला वापस नहीं लेने तक जारी रहेगी हड़ताल: सतीश हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवार एवं कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया, जब तक स्टेट कैडर का फैसला वापस नहीं लिया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि दो दिन की सामूहिक हड़ताल के बाद पैन डाउन स्ट्राइक शुरू होगी। बीते साल भी हड़ताल कर चुके पटवारी-कानूनगो बता दें कि राज्य सरकार ने बीते सरकार पटवारी-कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने का फैसला लिया था। तब भी हिमाचल संयुक्त पटवार एवं कानूनगो संघ ने एक सप्ताह से अधिक समय तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी। सरकार के आश्वासन पर इन्होंने अपनी हड़ताल को खत्म किया था। स्टेट कैडर में डाले सभी पटवारी-कानूनगो राज्य सरकार ने पांच रोज पहले ही पटवारी-कानूनगो को स्टेट कैडर में तब्दील करने की फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दी है। इस फैसले के मुताबिक पटवारी और कानून को जिला से बाहर राज्य में कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकेगा। जिला कैडर में जिला से बाहर ट्रांसफर करने का प्रावधान नहीं है। इनके भर्ती एवं पदोन्नति नियम भी जिला कैडर के है। इसी वजह से पटवारी कानूनगो स्टेट कैडर का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि स्टैड कैडर बनने से उनकी प्रमोशन भी प्रभावित होगी।

हिमाचल में पटवारी-कानूनगो आज-परसो सामूहिक हड़ताल: 28 फरवरी से अनिश्चितकालीन पैन डाउन-स्ट्राइक, स्टेट कैडर बनाने पर भड़के
हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की संयुक्त हड़ताल ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को संकट में डाल दिया है। पटवारी और कानूनगो संघ ने 28 फरवरी से अनिश्चितकालीन पैन डाउन-स्ट्राइक का ऐलान किया है। इसका मुख्य कारण स्टेट कैडर की मांग है, जिसे सरकार द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। ये कर्मचारी अपने अधिकारों और मांगों को लेकर बेहद चिंतित हैं, और इसके चलते हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है हड़ताल का कारण?
पटवारी और कानूनगो कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उचित वेतन और सुविधाएँ मिलनी चाहिए। उनका मुख्य मुद्दा स्टेट कैडर का गठन है, जिससे उनकी नौकरी की स्थिरता और सामाजिक मान्यता में सुधार हो सके। कर्मचारियों का मानना है कि इस प्रकार की हड़ताल उनकी आवाज को सरकार तक पहुँचाने का एक उचित तरीका है।
हड़ताल का प्रभाव
हड़ताल का प्रभाव सीधे तौर पर जनता पर पड़ेगा। जनसेवा के महत्त्वपूर्ण कार्य जैसे कि भूमि रिकॉर्ड, नाकाफुरी प्रमाणपत्र, और अन्य प्रशासनिक प्रक्रिया में विलंब होगा। यह स्थिति उन लोगों के लिए खासतौर पर समस्या बना सकती है जो सरकारी सेवाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हजारों लोगों की दैनिक गतिविधियों में रुकावट उत्पन्न हो सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर रही है। हालाँकि, संघ का मानना है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और भी मजबूत करेंगे।
आगे की कार्रवाई
अगर स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो यह हड़ताल लंबे समय तक चल सकती है। पटवारी और कानूनगो संघ ने सभी कर्मचारियों को एकजुट होने के लिए प्रेरित किया है। अगले कुछ दिनों में कर्मचारियों की बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि आगे की कार्रवाई पर चर्चा की जा सके।
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