32 दिन से वेतन नहीं मिलने से मजदूरों में आक्रोश:उन्नाव की रिमझिम फैक्ट्री में हंगामा, प्रबंधन और ठेकेदार एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
उन्नाव के औद्योगिक क्षेत्र आक्रमपुर स्थित रिमझिम फैक्ट्री में मजदूरों और प्रबंधन के बीच वेतन को लेकर विवाद गहरा गया है। शनिवार को मजदूरों ने फैक्ट्री के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। पिछले 32 दिनों से वेतन न मिलने के कारण मजदूर परेशान हैं और उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार लगातार वेतन देने का आश्वासन देता रहा, लेकिन अब उसने साफ मना कर दिया है। वहीं, फैक्ट्री प्रबंधन ने भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मजदूर ठेकेदार के अधीन काम करते हैं, इसलिए वेतन की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। मजदूरों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। दिन-रात मेहनत करने के बावजूद वेतन न मिलने से उनके परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। बच्चों की पढ़ाई, घर का किराया और अन्य जरूरी खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही वेतन नहीं मिला तो वे फैक्ट्री का काम पूरी तरह से ठप कर देंगे। मजदूरों ने जिला प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन को ठेकेदार और फैक्ट्री प्रबंधन पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि उन्हें उनकी मेहनत की कमाई समय पर मिल सके। यह मामला मजदूरों के शोषण का स्पष्ट उदाहरण है, जहां दोनों पक्ष अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। मजदूरों की दयनीय स्थिति मजदूरों ने बताया कि वे फैक्ट्री में दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन वेतन न मिलने के कारण उनके परिवार भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। बच्चों की पढ़ाई, घर का किराया और अन्य खर्चों को पूरा करने में वे असमर्थ हो गए हैं। मजदूरों ने कहा कि अगर जल्द ही उनकी सैलरी नहीं मिली तो वे फैक्ट्री का काम पूरी तरह ठप कर देंगे।

32 दिन से वेतन नहीं मिलने से मजदूरों में आक्रोश
उन्नाव की रिमझिम फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों ने 32 दिन से वेतन नहीं मिलने के कारण गंभीर आक्रोश प्रकट किया है। यह घटना उस समय प्रकाश में आई है जब मजदूरों ने संयंत्र के बाहर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के लिए हंगामा किया। मजदूरों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन और ठेकेदार एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर उन्हें धोखा दे रहे हैं।
फैक्ट्री में हालात और मजदूरों की मांगें
मौजूदा हालात को देखते हुए मजदूरों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 32 दिनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके परिवारों की स्थिति खराब हो गई है। मजदूरों ने यह भी कहा कि वे हर दिन मेहनत करते हैं, लेकिन समय पर भुगतान नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रबंधन और ठेकेदार के बीच टकराव
इस मुद्दे पर फैक्ट्री प्रबंधन ने ठेकेदार पर दोषारोपण किया है, जबकि ठेकेदार ने प्रबंधन को पूरी जिम्मेदारी देने की कोशिश की है। इस तरह की स्थिति ने मजदूरों को और भी अधिक निराश कर दिया है। ऐसे में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस विवाद को किस तरह से सुलझाया जाएगा।
सामाजिक प्रभाव और प्रतिक्रिया
इस घटना ने केवल मजदूरों की जीवन-स्तर को प्रभावित नहीं किया है, बल्कि समाज में भी एक चिंता का विषय बना हुआ है। जब मजदूरों के हक के लिए इतना बड़ा हंगामा हो रहा है, तो यह मानवाधिकार और श्रमिक अधिकारों पर भी सवाल उठाता है। स्थानीय अधिकारिक निकायों को इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
समाप्ति और भविष्य की दिशा
मजदूरों का आक्रोश एक गंभीर संकेत है कि श्रमिकों को अपने अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। उपरोक्त घटनाक्रम यह दर्शाता है कि अगर समय पर उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसके लिए सभी पक्षों को मिलकर समाधान निकालना होगा।
News by indiatwoday.com Keywords: उन्नाव मजदूर वेतन, रिमझिम फैक्ट्री हंगामा, मजदूरों का आक्रोश, मजदूरों की शिकायतें, प्रबंधन ठेकेदार विवाद, वेतन में देरी, श्रमिक अधिकार, फैक्ट्री में हंगामा, स्थानीय श्रमिक विवाद, मजदूरों का हक
What's Your Reaction?






