38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को 6 पदक:32 पदक के साथ महाराष्ट्र नंबर वन;मणिपुर और कर्नाटक के खिलाड़ियों का भी दबदबा

उत्तराखंड में चल रहे हैं 38वें नेशनल गेम में देशभर के खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक हुए खेलों में महाराष्ट्र 32 पदक जीतकर नंबर वन है। जिसने 7 स्वर्ण, 16 रजत और 9 कांस्य पदक जीते हैं। इस तरह दूसरे नंबर पर मणिपुर के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। जिन्होंने सबसे ज्यादा 9 स्वर्ण पदक, 7 रजत और तीन कांस्य पदक समेत कुल 19 मेडल जीते हैं। जबकि कर्नाटक में भी 9 स्वर्ण पदक जीतकर कुल 17 मेडल जीते हैं। जबकि उत्तराखंड 6 मेडल के साथ सबसे निचले पायदान पर है जिसे कुल एक स्वर्ण पदक जीता है। वूशु में उत्तराखंड ने रजत के कांस्य जीता तीसरे दिन वुशु प्रतियोगिता में देशभर के एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने भी वूशु प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर दो और पदक हासिल किए। उत्तराखंड के हर्षित शर्मा ने रजत पदक और अंकित ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। उत्तराखंड की झोली में अब तक एक स्वर्ण दो रजत और तीन कांस्य पदक आ चुके हैं। जियांशू में अरुणाचल की मर्सी ने स्वर्ण जीता महिला जियानशू प्रतियोगिता में अरुणाचल प्रदेश की मर्सी न्गाइमोंग ने स्वर्ण पदक जीता। दिल्ली की भूमि ने रजत पदक हासिल किया और उत्तराखंड की अंकिता को कांस्य पदक प्राप्त हुआ। उधर पुरुष जियानशू प्रतियोगिता में सर्विसेज टीम के अंजुल नामदेव ने स्वर्ण पदक जीता,उत्तराखंड के हर्षित शर्मा ने रजत पदक पर कब्जा जमाया और छत्तीसगढ़ के डी. पार्थ ने कांस्य पदक हासिल किया। ताईजिजियान में मध्यप्रदेश की प्रज्ञा को स्वर्ण महिला ताईजीजियान प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश की प्रज्ञा यादव ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। मणिपुर की खाइदम बिद्याश्वरी चानू ने रजत पदक हासिल किया और उत्तर प्रदेश की साक्षी जौहरी ने कांस्य पदक जीता। पुरुष ताईजीजियान प्रतियोगिता में मणिपुर के कंगजम मोनिश सिंह ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया,दिल्ली के अभिषेक ने रजत पदक जीता और मणिपुर के ही वाहेंगम भुमेश्वर मीतेई ने कांस्य पदक प्राप्त किया। रग्बी में हरियाणा और ओडिशा के खिलाड़ी चमके वही, हरियाणा पुरुष और ओडिशा महिला रग्बी सेवेंस टीमों ने राष्ट्रीय खेल में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर ऐतिहासिक हैट्रिक पूरी की। हरियाणा ने पुरुषों के फाइनल में महाराष्ट्र को 22-7 से हराया। जबकि ओडिशा की महिला टीम ने बिहार को 29-5 से पराजित किया। हरियाणा पुरुष टीम ने शुरुआत से ही दबदबा बनाए रखा। महाराष्ट्र ने मुकाबले में संघर्ष दिखाते हुए स्कोर 7-7 से बराबर किया। लेकिन इसके बाद हरियाणा ने अपने खेल का स्तर बढ़ाते हुए लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय खेल के फाइनल में महाराष्ट्र को हराया।

Feb 1, 2025 - 10:00
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38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को 6 पदक:32 पदक के साथ महाराष्ट्र नंबर वन;मणिपुर और कर्नाटक के खिलाड़ियों का भी दबदबा
उत्तराखंड में चल रहे हैं 38वें नेशनल गेम में देशभर के खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक हुए

38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को 6 पदक: 32 पदक के साथ महाराष्ट्र नंबर वन; मणिपुर और कर्नाटक के खिलाड़ियों का भी दबदबा

News by indiatwoday.com

पदक वितरण का सारांश

38वें राष्ट्रीय खेलों में, उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 6 पदक हासिल किए। हालांकि, इस बार महाराष्ट्र ने 32 पदकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इस वर्ष के खेलों में मणिपुर और कर्नाटक के खिलाड़ियों ने भी अपार सफलता हासिल की, जिससे प्रतियोगिता में एक नए आयाम का समावेश हुआ।

उत्तराखंड का प्रदर्शन

उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट योग्यता और खेल कौशल का प्रदर्शन किया। स्वतंत्रताओं और युद्ध के मैदानों में बार-बार झंडा गाड़ते हुए, उत्तराखंड ने अपने पदकों की संख्या में वृद्धि की है। स्थानीय सरकार और खेल संगठनों का समर्थन निश्चित रूप से आभार का विषय है।

महाराष्ट्र की बेजोड़ सफलता

महाराष्ट्र ने अपनी प्रतिभाओं को न केवल प्रदेश का बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई है। महाराष्ट्र के खिलाड़ियों ने 32 पदक (स्वर्ण, रजत और कांस्य) जीतकर अत्यधिक प्रतिस्पर्धा में अपने मजबूत स्तर को प्रमाणित किया।

मणिपुर और कर्नाटक का दबदबा

मणिपुर और कर्नाटक के खिलाड़ियों ने भी अपनी अद्वितीय खेलता के साथ इस प्रतियोगिता में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। इन राज्यों के एथलीटों ने अपनी मेहनत और समर्पण के चलते अनेक पदक प्राप्त किए, जिससे उनकी उत्कृष्टता का प्रदर्शन हुआ।

भविष्य की संभावनाएं

आगामी राष्ट्रीय खेलों के लिए ये परिणाम एक प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करेंगे। सभी राज्यों के खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा को और मजबूत करने की आवश्यकता है, जिससे भारत में खेलों का स्तर और ऊँचा उठ सके।

आवश्यकता है कि प्रदेश सरकारें खेल नीतियों में सुधार करें और युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करें। ऐसे आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए भी लाभकारी हैं।

निष्कर्ष

38वें राष्ट्रीय खेलों ने दिखाया कि भारत में खेलों का भविष्य उज्जवल है। इस तरह के आयोजनों से न केवल खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ता है, बल्कि वे एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक माहौल भी बनाते हैं।

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