6 फीट लंबी अगरबत्ती से महका महाकुंभ:30 जड़ी-बूटियों से तैयार की साइकिल अगरबत्ती; मेले में बना आकर्षण का केंद्र
महाकुंभ-2025 के अंतिम स्नान पर लाखों श्रद्धालु, संत और शिवभक्त प्रयागराज पहुंचे हैं। इस भव्य आयोजन को और अधिक दिव्य, सुगंधित और आध्यात्मिक बनाने के लिए साइकिल अगरबत्ती ने 6 फीट लंबी, 4 इंच चौड़ी व 30 जड़ी-बूटियों से निर्मित अखंड धूप प्रज्ज्वलित की। एन. रंगा राव एंड संस के CEO अर्जुन रंगा ने इस पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि और कुंभ स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "अखंड धूप, कुंभ को दिव्यता और सुगंध से भरने का हमारा एक प्रयास है। हमें अपार हर्ष है कि श्रद्धालुओं और प्रशासन ने इसे खुले हृदय से स्वीकार किया और सराहा।" आज परद शिव महादेव मंदिर में अखंड धूप प्रज्ज्वलित की गई। साइकिल अगरबत्ती के उत्तर भारत प्रमुख आरके टंडन ने इस अवसर पर कहा, "महाकुंभ में दिव्यता और सुगंध के हमारे इस प्रयास को श्रद्धालुओं, अखाड़ों और शिविर आयोजकों ने अत्यंत सकारात्मक रूप से अपनाया है। हम सभी यात्रियों और संत समाज का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।" इस पावन अवसर पर स्वामी भक्तिप्रकाश ने अखंड धूप प्रज्ज्वलित की। विशेष मिश्रा (साइकिल अगरबत्ती) भी उपस्थित रहे। महाकुंभ 2025 में अखाड़ों और संतों के शिविरों में यह अखंड धूप प्रज्ज्वलित की जा चुकी है। साइकिल अगरबत्ती का यह आध्यात्मिक प्रयास सनातन संस्कृति के प्रसार और विश्वशांति के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है।

6 फीट लंबी अगरबत्ती से महका महाकुंभ
महाकुंभ के अवसर पर एक अनोखी साइकिल अगरबत्ती ने सबका ध्यान खींचा है। इस 6 फीट लंबी अगरबत्ती को 30 जड़ी-बूटियों से बनाया गया है, जिसने त्यौहार के माहोल को और भी महकदार बना दिया है। ये अगरबत्ती न केवल अपनी लम्बाई के कारण बल्कि अपनी खास सुगंध के लिए भी मेले में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
अगरबत्ती का अद्भुत निर्माण
इस अद्भुत अगरबत्ती को डिजाइन करने में विशेषज्ञों ने जड़ी-बूटियों के विभिन्न गुणों का उपयोग किया है। इसमें इस्तेमाल की गई जड़ी-बूटियाँ विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और ध्यान में उपयोग की जाती हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालु इस अगरबत्ती के पास रुककर इसकी सुगंध से मंत्रमुग्ध हो जा रहे हैं।
महाकुंभ में साइकिल अगरबत्ती की लोकप्रियता
महाकुंभ में साइकिल अगरबत्ती ने एक नई पहचान बनाई है। यह सिर्फ एक साधारण अगरबत्ती नहीं है, यह एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गई है। लोग इस अनोखी कलाकृति का फोटो खींचने के लिए लंबी लाइनों में खड़े हो रहे हैं। ताज्जुब और विस्मय से भरी हुई यह दृश्यावली महाकुंभ के अनुभव को और भी विशेष बना देती है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेलों का आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक समागम है जो विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है। इस तरह की अनोखी कलाकृतियाँ मेलों में सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं। इसके द्वारा, श्रद्धालु अपने अनुशासन और धार्मिकता को एक नए रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
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