आजमगढ़ में लगा 25 वा साहित्य और पुस्तक मेला:डीएम बोले जब युवा साहित्य से जुड़ेगा तभी भारत के निर्माण की कल्पना होगी साकार

आजमगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को साकार करने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से पर्यटन और संस्कृति विभाग द्वारा 25 वें पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। इस वर्ष का पुस्तक मेला शिक्षा साहित्य कला और इतिहास के प्रति जनमानस को जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रम से भरपूर रहा। इस अवसर पर जिले के डीएम नवनीत चहल ने कहा कि युवा जब साहित्य से जुड़ेंगे तभी श्रेष्ठ भारत के निर्माण की कल्पना साकार होगी। इसके साथ ही पुस्तक हमें नई दिशाओं की ओर ले जाने के साथ-साथ हमारी संस्कृति और परंपराओं से रूबरू कराती हैं। अगले वर्ष से पर्यटन व संस्कृति परिषद आजमगढ़ पुस्तक मेला लगाएगी और हर वर्ष इसे जारी रखा जाएगा। युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना मेले का उद्देश्य डीएम आजमगढ ने कहा कि पुस्तक मेले का उद्देश्य युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करना है, ताकि वे ज्ञान और बौद्धिकता के मार्ग पर आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला केवल किताबों का आदान-प्रदान करने का मंच, बल्कि यह विचारों, संस्कृतियों और ज्ञान संगम है। आजमगढ़ के लोग साहित्य के प्रति हमेशा जागरूक रहे हैं। और यह मेला उनकी बौद्धिक संपन्नता को और समृद्ध करने का कार्य कर रहा है। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में प्रसिद्ध लेखिका नीरजा माधव ने साहित्य के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं होतीं, बल्कि वे हमारी सोच को दिशा देने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी होती हैं। जब युवा पुस्तकें पढ़ते हैं, तो वे अपने, विचारों को स्पष्टता और गहराई से विकसित कर सकते हैं। मेले में देशभर के विभिन्न प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेता हिस्सा ले रहे हैं जिसमे नेशनल बुक ट्रस्ट, साहित्य अकादेमी, राजकमल प्रकाशन, किताबघर, रेख़्ता, नयी किताब, सामायिक प्रकाशन, जनचेतना, अनबाउंड स्क्रिप्ट आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।

Mar 19, 2025 - 03:59
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आजमगढ़ में लगा 25 वा साहित्य और पुस्तक मेला:डीएम बोले जब युवा साहित्य से जुड़ेगा तभी भारत के निर्माण की कल्पना होगी साकार
आजमगढ़ जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपने को साकार करने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयो

आजमगढ़ में लगा 25 वा साहित्य और पुस्तक मेला

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में आयोजित 25 वें साहित्य और पुस्तक मेले ने शहर के सांस्कृतिक जीवन को एक नई पहचान दी है। इस मेले का उद्घाटन डीएम ने किया, जिन्होंने अपने भाषण में युवाओं के साहित्य के प्रति जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "जब युवा साहित्य से जुड़ेगा तभी भारत के निर्माण की कल्पना होगी साकार," यह वाक्य सभी उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणादायक था।

इस मेले का महत्व

आजमगढ़ का यह मेले न केवल पुस्तक प्रेमियों के लिए एक अवसर है, बल्कि यह प्रतिभाशाली लेखकों और प्रकाशकों के लिए भी एक मंच प्रस्तुत करता है। यहां विभिन्न भाषाओं में पुस्तकों का विस्तार देखने को मिलता है, जिससे पाठकों को विविधता का अनुभव होता है। युवा लेखकों को अपनी रचनाओं का प्रदर्शन करने का एक सुनहरा मौका मिलता है, जिससे वे अपने कार्यों को एक विस्तृत दर्शकों तक पहुंचा सकते हैं।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया

इस मेले में आए प्रतिभागियों ने इसकी गुणवत्ता और व्यवस्थित रूप से होने वाले कार्यक्रमों की प्रशंसा की। स्थानीय लोगों का भी उत्साह देखने लायक था, जिन्होंने अपनी पसंदीदा किताबों के लिए कतारें लगाई। कई कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन भी किया गया, जहां युवा लेखकों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

समापन समारोह

मेला समाप्ति पर, आयोजकों ने इस बात की घोषणा की कि अगले वर्ष और भी बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। डीएम ने फिर से इस बात को दोहराया कि युवा साहित्य को अपनाकर ही वे देश के भविष्य को सशक्त बना सकते हैं।

इस अवसर पर साहित्यप्रेमियों ने जोश और उल्लास के साथ अपनी भावनाएँ साझा कीं। आजमगढ़ का यह मेला साहित्यिक संस्कृति को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है।

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