ई-वाहनों की बढ़ रही है मांग:3 साल में दोपहिया ई-वाहनों की संख्या 3 गुना बढ़ी, चार पहिया वाहनों में भी तेजी

हापुड़ में ई-वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि जहां 2022 में केवल 273 दोपहिया और 1 चार पहिया ई-वाहन पंजीकृत हुए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर दोपहिया वाहनों में 700 और चार पहिया वाहनों में 108 तक पहुंच गई है। विशेष बात यह है कि जिले में चार पहिया ई-वाहन बेचने के लिए किसी भी कंपनी को अधिकृत डीलरशिप नहीं है, फिर भी लोग अन्य जिलों और राज्यों से खरीदकर हापुड़ में पंजीकरण करा रहे हैं। दोपहिया वाहनों के लिए लगभग चार कंपनियों के शोरूम को बिक्री की अनुमति है। दोपहिया ई-वाहनों की बढ़ी बिक्री ARTO प्रशासन छवि सिंह चौहान के अनुसार, पिछले दो वर्षों में विशेषकर दोपहिया ई-वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं - सरकार द्वारा ई-वाहनों को बढ़ावा, प्रदूषण को कम करने की जागरूकता, आकर्षक मॉडल और रंग विकल्प। साथ ही, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण भी लोग ई-वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 324 दोपहिया और 18 चार पहिया ई-वाहन पंजीकृत हुए, जो पारंपरिक वाहनों की तुलना में कम होते हुए भी एक सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। यह रुझान बताता है कि आने वाले समय में ई-वाहनों की मांग और बढ़ेगी, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

Jan 17, 2025 - 07:10
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ई-वाहनों की बढ़ रही है मांग:3 साल में दोपहिया ई-वाहनों की संख्या 3 गुना बढ़ी, चार पहिया वाहनों में भी तेजी
हापुड़ में ई-वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है क

ई-वाहनों की बढ़ती मांग: 3 साल में दोपहिया ई-वाहनों की संख्या 3 गुना बढ़ी, चार पहिया वाहनों में भी तेजी

देश में ई-वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। विशेष रूप से, दोपहिया ई-वाहनों की बिक्री में पिछले तीन वर्षों में तीन गुना वृद्धि देखने को मिली है। यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में क्रांतिकारी बदलाव का प्रतीक है।

दोपहिया ई-वाहनों की वृद्धि

दोपहिया ई-वाहनों की मांग में इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। पहले, बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों ने कई लोगों को इलेक्ट्रिक विकल्पों की ओर मोड़ा है। दूसरा, सरकार की पहल जैसे सब्सिडीज और टैरिफ में छूट ने उपभोक्ताओं को ई-वाहनों की ओर आकर्षित किया है। इसके अलावा, ई-वाहनों से जुड़ी नई तकनीकें, जैसे बैटरी की क्षमता में सुधार और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, ने भी इसके विकास में योगदान दिया है।

चार पहिया वाहनों में भी बढ़ोतरी

चार पहिया वाहनों की मांग भी इसी प्रवृत्ति का हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में, कई प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने ई-कारों के लिए नए मॉडल लॉन्च किए हैं। इससे ग्राहकों के लिए और अधिक विकल्प उपलब्ध हुए हैं और वे ई-फोर व्हीलर की खरीद को भी प्राथमिकता देने लगे हैं।

भविष्य की संभावनाएं

आने वाले वर्षों में, यह संभावना है कि ई-वाहनों की मांग और भी बढ़ेगी। पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सस्टेनेबल मोबिलिटी की दिशा में बढ़ते कदम इस उद्योग को और आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। देश के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में यह बदलाव न केवल उद्योग के लिए, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

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