ओला स्टोर्स पर महाराष्ट्र के बाद MP में भी रेड:दोनों राज्यों में RTO ने 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां जब्त कीं, शेयर 4.18% गिरा

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला के स्टोर्स पर महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश में भी RTO ने रेड मारी है। ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने जबलपुर में 2 और इंदौर के 4 स्टोर्स पर कार्रवाई की। इन 6 स्टोर्स को ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं और इस दौरान 14 इलेक्ट्रिक व्हीकल भी जब्त किए गए हैं। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला के स्टोर्स पर देशभर में राज्यों के RTO छापेमारी की कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के 32 स्टोर्स पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा राजस्थान में कुछ स्टोर्स पर भी कार्रवाई की गई है। इस दौरान अब तक 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों के जब्त किया जा चुका है। छापेमारी की खबर की वजह से गुरुवार को ओला इलेक्ट्रिक शेयर में 4.18% की गिरावट दर्ज की गई। शेयर आज 2.25 रुपए गिरकर 51.60 रुपए पर बंद हुआ है। एक महीने में ओला का शेयर 16% से ज्यादा गिरा है। वहीं 6 महीने में शेयर 50% से ज्यादा टूटा है। ओला के स्टोर पर 4 बार हुई रेड दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की । 95% स्टोर पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 स्टोर खोले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे। कंपनी के 95% से अधिक स्टोर में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण मंगलवार की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है। ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने स्टोर्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी। दिवालिया कार्यवाही की याचिका पर 8% गिरा था शेयर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 17 मार्च को करीब 8% की गिरावट रही थी। कंपनी की एक सब्सिडियरी के खिलाफ दिवालियापन की याचिका डाले जाने के बाद कंपनी के शेयर में ये गिरावट आई थी। 3 पॉइंट में समझें पूरा मामला इस मामले से तीन कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ​उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और रोस्मर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड जुड़ी हैं। आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर अगस्त 2024 में शेयरों की लिस्टिंग के बाद ओला का शेयर अपने पीक 157.53 रुपए से करीब 65% लुढ़क चुका है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर्स में करीब 20% की गिरावट आई है। इसके अलावा दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% रह गई।

Mar 20, 2025 - 19:59
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ओला स्टोर्स पर महाराष्ट्र के बाद MP में भी रेड:दोनों राज्यों में RTO ने 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां जब्त कीं, शेयर 4.18% गिरा
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला के स्टोर्स पर महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश में भी RTO ने रेड मारी

ओला स्टोर्स पर महाराष्ट्र के बाद MP में भी रेड

RTO की कार्रवाई से मच गया हड़कंप

हाल ही में ओला स्टोर्स पर एक बड़ी रेड महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में शुरू की गई। यहां की RTO (रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस) ने 50 से ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जब्त किया है। यह कार्रवाई ओला स्टोर्स के संचालन के खिलाफ हो रही जांच का हिस्सा है, जिससे कंपनी के शेयरों में 4.18% की गिरावट आई है। न्यूज by indiatwoday.com

क्यों हुई रेड?

इस रेड का मुख्य कारण ओला द्वारा अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की वैधता और नियमों का पालन न करना बताया जा रहा है। RTO अधिकारियों ने जानकारी दी है कि ओला द्वारा बेचने वाली गाड़ियां उचित कागजात के बिना चल रही थीं, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई। इससे न केवल कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि निवेशकों के बीच भी चिंता का माहौल है।

क्या हैं संभावित प्रभाव?

इस कार्रवाई से ओला के व्यापार पर कई प्रभाव पड़ सकते हैं। सबसे पहले, निवेशकों का विश्वास डगमगा गया है, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आई है। इसके अतिरिक्त, अगर ओला को कानूनी संकोच का सामना करना पड़ता है, तो उसका व्यवसाय और बड़े पैमाने पर प्रभावित हो सकता है।

क्या कर सकती है ओला?

ओला को इस स्थिति में माफी मांगने और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। यदि कंपनी जल्द ही आवश्यक कागजात और अन्य आवश्यकताएँ पूरी करती है, तो वे इस स्थिति को संभाल सकते हैं। इसके अलावा, सही प्रबंधकीय निर्णय लेने से कंपनी पुनः अपने निवेशकों का विश्वास प्राप्त कर सकती है।

निष्कर्ष

ओला की इस कठिन स्थिति जो अब दोनों राज्यों में सामने आई है, इससे स्पष्ट है कि नियमों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। RTO की कार्रवाई के बाद, ओला को अपनी दिशा में सही बदलाव लाना होगा। आने वाले दिनों में, इस मामले की प्रगति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। Keywords: ओला स्टोर्स, महाराष्ट्र RTO रेड, मध्य प्रदेश RTO रेड, इलेक्ट्रिक गाड़ियां जब्त, ओला शेयर गिरावट, ओला बिजली से चलने वाली गाड़ियां, महाराष्ट्र मध्य प्रदेश, ओला कंपनी पर कार्रवाई, इलेक्ट्रिक वाहन नियम

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