कांग्रेस बोली-हिंडनबर्ग बंद होने से 'मोडाणी' को क्लीन चिट नहीं:आज भी जहां देखो वहां अडाणी; जयराम ने कहा- रिसर्च कंपनी भले बंद, सवाल वही
अडाणी ग्रुप पर आरोप लगाने वाली अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद होने जा रही है। 15 जनवरी को कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इसकी घोषणा की थी। हिंडनबर्ग बंद होने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाया कि, रिसर्च कंपनी के बंद होने का मतलब यह नहीं है कि मोडाणी को क्लीन चिट मिल गई। आज भी जहां देखो वहां अडाणी हैं। एक कंपनी के बंद होने से सवाल नहीं बदल जाएंगे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बड़ा लेटर भी सोशल मीडिया X पर जारी किया। जयराम ने लिखा, रिसर्च कंपनी ने अडाणी पर जो आरोप लगाए थे वह आज भी गंभीर हैं।इसमें राष्ट्रीय हित की कीमत पर प्रधानमंत्री के करीबी मित्रों को और समृद्ध करने के लिए भारत की विदेश नीति का दुरुपयोग शामिल है। जयराम बोले- अडाणी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जांच कमेटी बनानी पड़ी थी जयराम ने लेटर में लिखा, जनवरी 2023 में आई हिंडनबर्ग रिपोर्ट इतनी गम्भीर साबित हुई थी कि भारत के सुप्रीम कोर्ट को उसमें अडाणी ग्रुप जिसे किसी और का नहीं, खुद प्रधानमंत्री का संरक्षण प्राप्त है, उसके खिलाफ सामने आए आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट में मोदानी महाघोटाले के केवल एक हिस्से प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन को ही कवर किया गया था। जनवरी-मार्च 2023 के दौरान अडानी महाघोटाले को लेकर कांग्रेस पार्टी ने हम अडानी के हैं कौन (HAHK) सीरीज के तहत प्रधानमंत्री से 100 सवाल पूछे थे- इनमें से केवल 21 सवाल ही हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए खुलासों से संबंधित थे। हिंडनबर्ग फाउंडर नाथन एंडरसन का ऐलान, हिंडनबर्ग कंपनी बंद होगी अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन ने 15 जनवरी को कंपनी बंद करने का ऐलान किया था। हालांकि एंडरसन ने कंपनी बंद करने का कोई विशेष कारण नहीं बताया। हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 में हुई थी। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों ने भारत के अडाणी ग्रुप और इकान इंटरप्राइजेज सहित कई कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया था। अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। नाथन एंडरसन ने लिखा- जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ शेयर किया। मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है। प्लानिंग ये थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उनके पूरे होते ही इसे बंद कर दिया जाएगा। और हाल ही में जिन पोंजी मामलों को हमने पूरा किया है और नियामकों के साथ साझा कर रहे हैं, वह दिन आज ही है। नाथन एंडरसन ने नोट में लिखा... मैं यह सब खुशी से लिख रहा हूं। इसे बनाना मेरे जीवन का सपना रहा है। मुझे शुरू में नहीं पता था कि क्या कोई संतोषजनक रास्ता खोजना संभव होगा। यह कोई आसान ऑप्शन नहीं था। लेकिन मैं खतरे को लेकर अनुभवहीन था। मैग्नेट की तरह इसकी तरफ खिंचा चला गया। तो, अब क्यों न भंग किया जाए? कोई खास बात नहीं है- कोई खास खतरा नहीं, कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं और कोई बड़ा व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। किसी ने एक बार मुझसे कहा था कि एक तय पॉइंट पर एक सफल करियर एक स्वार्थी कार्य बन जाता है। शुरुआत में मुझे लगा कि मुझे खुद को कुछ चीजें साबित करने की जरूरत है। अब मुझे आखिरकार खुद के साथ कुछ आराम मिला है, शायद मेरे जीवन में ये पहली बार है। मैं अपने परिवार के साथ समय बिताने, अपने शौक पूरे करने और सफर करने के लिए उत्सुक हूं। मैंने उनके लिए पैसा कमाया है। मैं अपना पैसे इंडेक्स फंड और कम तनाव देने वाली चीजों में इन्वेस्ट करने की प्लानिंग कर रहा हूं। फिलहाल मैं इस पर कॉन्सन्ट्रेट कर रहा हूं कि मैं मेरी टीम के सभी लोग उस जगह पर पहुंचें, जहां वे आगे बढ़ना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि जब हम अपनी प्रोसेस को पूरी साझा कर लेंगे, तब कुछ सालों में मुझे किसी का मैसेज मिलेगा, जो इसे पढ़ेगा (शायद आप)। जो इसी जुनून को अपनाएगा, यह कला सीखेगा और तमाम बाधाओं के बावजूद किसी ऐसे विषय पर रोशनी डालने का भरोसा पाएगा, जिसे इसकी जरूरत है। यह मेरा दिन बना देगा, भले ही तब मैं संगीत सीखने, बगीचा लगाने या जो भी मैं आगे करने की योजना बनाऊं, उसमें व्यस्त रहूं। मैं परिवार और दोस्तों से उन पलों के लिए माफी चाहता हूं जब मैंने आपको नजरअंदाज किया और मेरा ध्यान कहीं और चला गया। अब मैं आप सभी के साथ ज्यादा वक्त बिताने का इंतजार नहीं कर सकता हूं। अंत में, मैं हमारे रीडर का आभार जताना चाहता हूं। सालों से आपके जोशीले संदेशों ने हमें ताकत दी है। और यह मुझे बार-बार याद दिलाता है कि दुनिया में अच्छाई भरी हुई है। इसके लिए आप सभी का धन्यवाद। मैं इससे अधिक की कभी उम्मीद नहीं कर सकता। यह सब शुभकामनाएं हैं। हिंडनबर्ग ने 2016 से 2024 तक इन कंपनियों पर किया खुलासा साल 2024: SEBI चीफ पर अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी का आरोप लगाया था अगस्त 2024 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था SEBI सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के पास अडाणी ग्रुप के जरिए पैसों की हेराफेरी स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर एंटिटीज में हिस्सेदारी थी। डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग ने कहा था कि बुच और उनके पति धवल बुच के पास एक ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। जिसमें गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने काफी मात्रा में पैसा लगाया था। विनोद, अडाणी ग्रुप की कंपनियों के चेयरमैन हैं। पूरी खबर पढ़ें... ............................................ हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ी ये खबर जरूर पढ़ें... हिंडनबर्ग का आरोप- स्विस बैंकों में अडाणी के ₹2600 करोड़ फ्रीज:अडाणी ग्रुप बोला- सारे दावे झूठे, यह हमारी मार्केट वैल्यू गिराने की कोशिश हिंडनबर्ग रिसर्च ने 12 सितंबर को अडाणी ग्रुप के खिलाफ नए आरोप लगाए थे। हिंडनबर

कांग्रेस बोली-हिंडनबर्ग बंद होने से 'मोडाणी' को क्लीन चिट नहीं
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पार्टी की टिप्पणी पर राजनीतिक हलचल
कांग्रेस ने हाल ही में एचएसएडी रिसर्च कंपनी की बंदी के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि हिडनबर्ग रिसर्च कंपनी के बंद होने से 'मोडाणी' को कोई क्लीन चिट नहीं मिलती है। जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर और भी सवाल उठाए और कहा कि भले ही रिसर्च कंपनी बंद हो गई हो, लेकिन कांग्रेस के सवाल जवाब में बने हुए हैं। इस बयान ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है।
अडाणी के खिलाफ उठ रहे सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आज भी देश में जहां देखो वहां अडाणी का ही नाम सुनाई देता है। उनका आरोप है कि अडाणी समूह के वित्तीय मामलों में गड़बड़ी को समाप्त नहीं किया गया है और यह मुद्दा अभी भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। पार्टी ने यह स्पष्ट किया है कि हिडनबर्ग के बंद होने से अडाणी की छवि पर कोई फर्क नहीं पड़ा है।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता
कांग्रेस का कहना है कि कई महत्वपूर्ण सवाल हैं जो अभी भी अनुत्तरित हैं। जयराम रमेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने कई महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए हैं, और पार्टी अडाणी समूह के अन्य मामलों पर ध्यान देकर अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए तैयार है। इस संदर्भ में कांग्रेस सरकार से भी जवाबदेही की मांग कर रही है।
राजनीतिक भविष्य पर संभावित प्रभाव
इस विवाद का राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर आने वाले चुनावों में। कांग्रेस ने अपने लोगों के बीच इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया है। पार्टी का मानना है कि इस प्रकार के सवालों के जवाब देना महत्वपूर्ण है ताकि आम जनता को सच के बारे में पता चल सके।
निष्कर्ष
कांग्रेस का यह बयान हिडनबर्ग के बंद होने के बावजूद अडाणी के मुद्दे को टालने का प्रयास नहीं है। पार्टी का लक्ष्य स्पष्ट रूप से इस बात को स्थापित करना है कि ऐसे मामले आसानी से भुलाए नहीं जा सकते हैं।
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