कुल्लू व लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके:कारगिल रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर 5 मापी गई तीव्रता; घरों से बाहर निकले लोग

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला में रात को भूकम्प के झटके महसूस किए गए। हालांकि इसका एपिक सेंटर कारगिल लद्दाख रहा। मगर साथ लगते लाहौल स्पीति और कुल्लू में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 मापी गई। इससे लोगों में दहशत का माहौल बन गया। जिन लोगों ने रात में झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर भाग गए। अब तक किसी भी प्रकार के जान व माल के नुकसान की सूचना नहीं है। रात 2.15 बजे आया भूकम्प नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकम्प रात 2.50 बजे आया। इसकी गहराई जमीन में 15 किलोमीटर थी। गहराई ज्यादा होने की वजह से नुकसान नहीं हुआ। गहराई कम होती तो 5.2 तीव्रता का भूकम्प तबाही मचा सकता था। अब जानिए भूकम्प क्यों आता है? धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी हैं। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकम्प आता है।

Mar 14, 2025 - 10:00
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कुल्लू व लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके:कारगिल रहा केंद्र, रिक्टर स्केल पर 5 मापी गई तीव्रता; घरों से बाहर निकले लोग
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और लाहौल स्पीति जिला में रात को भूकम्प के झटके महसूस किए गए। हालांकि इसका

कुल्लू व लाहौल स्पीति में भूकंप के झटके

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भूकंप का केंद्र कारगिल

हाल ही में, कुल्लू और लाहौल स्पीति क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। स्थानीय समयानुसार, यह भूकंप कारगिल के पास आया, जिससे आसपास के क्षेत्रों में भी दहशत फैल गई। भूकंप की तीव्रता 5 रिक्टर स्केल पर मापी गई है। ऐसे में, लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, और सुरक्षा के लिए खुली जगहों की ओर बढ़े।

भूकंप के प्रभाव

भूकंप के झटकों से इलाके में हलचल मच गई, और इसने जन जीवन को प्रभावित किया। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई। स्थानीय प्रशासन द्वारा घटनास्थल पर स्थिति का आकलन किया जा रहा है, और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

सुरक्षा उपाय

प्रशासन ने सभी नागरिकों को सलाह दी है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं। भूकंप के बाद, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए लोगों को सुरक्षित रहने के लिए विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी

इस प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों से बचने के लिए, इसमें जागरूकता और उचित तैयारी होना आवश्यक है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को दशार देने की कोशिश की है कि कैसे भूकंप आने पर प्रतिक्रिया करें और सुरक्षित रहें।

निष्कर्ष

कुल्लू और लाहौल स्पीति में आए भूकंप ने न केवल जन जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा के उपायों पर भी सवाल उठाए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी को सतर्क रहना चाहिए और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए सकारात्मक रवैया अपनाना और तैयारी करना सबसे महत्त्वपूर्ण है।

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