क्या 2029 के बाद नहीं होगा टूर्नामेंट:वनडे की बजाय टी-20 फॉर्मेट में कराने का दबाव, ICC इसे बंद करने वाला था

चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से पाकिस्तान और यूएई में खेली जाएगी। हर 4 साल में होने वाला ICC का यह टूर्नामेंट 8 साल बाद वापसी कर रहा है। 2029 में टूर्नामेंट भारत में ही खेला जाएगा। हालांकि उसके बाद 50 ओवर का यह टूर्नामेंट होगा या नहीं, यह साफ नहीं है। चैंपियंस ट्रॉफी पार्ट-2 में जानेंगे... 1. 4 कारण, जिन वजहों से 2029 के बाद टूर्नामेंट होना मुश्किल लग रहा A. वनडे मैचों की लोकप्रियता कम हुई पिछले 10 सालों में टी-20 टीमें और उनकी लोकप्रियता ने वनडे की व्यूअरशिप और लोकप्रियता को कम कर दिया है। इन 10 सालों में टेस्ट के 420 और वनडे के 1250 मैच हुए, लेकिन टी-20 के 2668 मुकाबले हो गए। वहीं 2005 से 2014 के दौरान 10 सालों में महज 412 टी-20 ही हुए थे, जबकि वनडे इस दशक के मुकाबले 119 ज्यादा हुए थे। टेस्ट की संख्या में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ। टी-20 के आने से कई छोटी टीमें भी क्रिकेट खेलने लगीं। 2014 तक 20 टीमें ही इस फॉर्मेट को खेलती थीं, लेकिन पिछले 10 सालों में 105 टीमें हिस्सा बन गईं। दूसरी ओर वनडे खेलने वाली टीमें पिछले 20 सालों से 23 ही हैं। यानी इस फॉर्मेट का विकास रुक गया है। चैंपियंस ट्रॉफी 50 ओवर फॉर्मेट में ही होती है, इसलिए इसके बंद होने के चांस भी ज्यादा हैं। B. चैंपियंस ट्रॉफी को बंद करने वाला था ICC 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद ICC ने प्लान बनाया था कि वनडे टूर्नामेंट के बजाय टी-20 चैंपियंस कप शुरू करेंगे। इसमें टॉप-8 टीमों के बीच टी-20 वर्ल्ड कप की तरह टूर्नामेंट होगा। 2021 में नए फॉर्मेट पर सहमति नहीं बन सकी, इसलिए इसका आयोजन ही नहीं हुआ। हालांकि ICC ने तब 50 ओवर फॉर्मेट में ही चैंपियंस ट्रॉफी को 2025 और 2029 के लिए शेड्यूल कर दिया। टी-20 वर्ल्ड कप में अब 12 से बढ़कर 20 टीमें हो गईं, कई छोटी टीमें इस फॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। साथ ही 2028 से ओलिंपिक में भी टी-20 क्रिकेट शामिल हो जाएगा। जिसमें 8 ही टीमें खेलेंगी। ऐसे में ICC टॉप-8 टीमों के लिए अलग से टी-20 चैंपियंस कप लेकर नहीं आया और इसके आने की उम्मीद भी कम ही है। C. टी-20 की वजह से विंडो मिलना मुश्किल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत हुई, यह दुनिया का पहला ICC ऑथराइज्ड फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट था। 2011 में ऑस्ट्रेलिया ने अपना फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट बिग बैश लीग (BBL) शुरू किया। 2012 में बांग्लादेश, 2013 में वेस्टइंडीज और 2016 में पाकिस्तान ने भी अपना फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट शुरू कर दिया। 2016 तक 4-5 देश ही फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट कराते थे, लेकिन 2025 तक लगभग हर बड़े क्रिकेट बोर्ड ने इसकी शुरुआत कर दी। पिछले 5 साल में तो साउथ अफ्रीका, यूएई, इंग्लैंड, श्रीलंका, कनाडा, नेपाल और अमेरिका तक अपने फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट को ले आए। जिसमें कई बड़े इंटरनेशनल स्टार्स खेलते हैं। 10 से 12 देशों में फ्रेंचाइजी क्रिकेट की बाढ़ ने क्रिकेट का शेड्यूल बिजी कर दिया। इस कारण ICC टूर्नामेंट के लिए समय मिल पाना मुश्किल हो रहा है। बिजी शेड्यूल के कारण ही 2021 में चैंपियंस ट्रॉफी नहीं हो सकी थी। अब लगातार बढ़ रहा टी-20 क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी के खात्मे की बड़ी वजह बन सकता है। D. ब्रॉडकास्टर्स का दबाव स्पोर्ट्स टूर्नामेंट कराने वाले बोर्ड के लिए अब स्टेडियम आने वाले दर्शकों के मुकाबले टीवी और ऑनलाइन दर्शक ज्यादा जरूरी हो गए हैं क्योंकि उन्हीं की वजह से कमाई बढ़ती है। ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सर बहुत ज्यादा रकम देने को तैयार हो जाते हैं। ब्रॉडकास्टर्स ने यह भी पता लगाया कि वनडे और टेस्ट की पूरी सीरीज के मुकाबले एक टी-20 मैच में ज्यादा व्यूअरशिप आ जाती है। इस कारण टी-20 क्रिकेट को विज्ञापन भी ज्यादा मिलते हैं। इसलिए ब्रॉडकास्टर्स ICC और बाकी क्रिकेट बोर्ड पर ज्यादा से ज्यादा टी-20 कराने का दबाव बना रहे हैं। चैंपियंस ट्रॉफी को भी इसी कारण से टी-20 फॉर्मेट में कराने की योजना बनाई गई, लेकिन BCCI ने फॉर्मेट बदलने से मना कर दिया। ब्रॉडकास्टर्स के कारण ही 2024 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के मैच दिन में कराए गए थे। अब ब्रॉडकास्टर्स कह रहे हैं कि 2029 के बाद अगर टूर्नामेंट हो तो उसे 20-20 ओवर का किया जाए। ICC ने उनकी मांग मान ली तो टूर्नामेंट का ठहर माना मुश्किल है। 2. 5 कारण, जिन्होंने पिछला टूर्नामेंट नहीं होने दिया 3. 8 साल बाद फिर शुरू करने की वजह 2021 और 2023 में चैंपियंस ट्रॉफी की जगह शुरू किए गए WTC के 2 फाइनल खेले गए, लेकिन ICC को उतनी कमाई नहीं हुई, जितनी चैंपियंस ट्रॉफी से होती थी। ICC को अपने हर टूर्नामेंट से कमाई होती है। खासकर उस टूर्नामेंट से जिसमें भारत हो और उसका एक मैच पाकिस्तान से हो। फिर तो कमाई और व्यूअरशिप के सारे रिकॉर्ड्स टूट जाते हैं। भारत-पाकिस्तान 2013 के बाद से आपस में द्विपक्षीय सीरीज भी नहीं खेलते। दोनों मल्टीनेशन टूर्नामेंट में ही भिड़ते हैं। दर्शक भारत-पाक का मैच देखना चाहते हैं, ICC दर्शकों की इसी भूख का फायदा उठा रहा है। बोर्ड हर साल दोनों टीमों के मैच से जितनी कमाई कर लेता है, उतनी बाकी टीमों के सभी मैच से नहीं होती। इसी कमाई से एसोसिएट देशों को फंडिंग भी दी जाती है। 4. कब और क्यों शुरू हुई थी चैंपियंस ट्रॉफी 1998 में ICC और BCCI के पूर्व प्रेसिडेंट जगमोहन डालमिया ने नॉकआउट ट्रॉफी के नाम से टूर्नामेंट शुरू किया। बांग्लादेश, केन्या जैसे छोटे देशों को शुरुआत में मेजबानी दी गई, ताकि वहां क्रिकेट के लिए रेवेन्यू जनरेट हो सके। टूर्नामेंट की लोकप्रियता बढ़ने लगी और इसे वेस्टइंडीज, इंग्लैंड, भारत और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में भी कराया गया। 1998 से 2006 तक हर 2 साल में टूर्नामेंट खेला जाता था। 2009 से हर 4 साल में टूर्नामेंट होने लगा। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि 2007 में ICC के टी-20 वर्ल्ड कप की शुरुआत भी हो गई थी, जो हर 2 साल में एक बार होता है। टी-20 वर्ल्ड कप से ही तय किया गया कि हर साल ICC का कोई न कोई मेंस टूर्नामेंट जरूर होगा। टी-20 वर्ल्ड

Feb 18, 2025 - 04:59
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क्या 2029 के बाद नहीं होगा टूर्नामेंट:वनडे की बजाय टी-20 फॉर्मेट में कराने का दबाव, ICC इसे बंद करने वाला था
चैंपियंस ट्रॉफी 19 फरवरी से पाकिस्तान और यूएई में खेली जाएगी। हर 4 साल में होने वाला ICC का यह टूर्नाम

क्या 2029 के बाद नहीं होगा टूर्नामेंट: वनडे की बजाय टी-20 फॉर्मेट में कराने का दबाव, ICC इसे बंद करने वाला था

क्रिकेट का इतिहास हमेशा से ही रोमांचक और विवादास्पद रहा है। हाल ही में, एक नई चर्चा ने फैंस और विशेषज्ञों के बीच हलचल मचा दी है। क्या 2029 के बाद वनडे क्रिकेट बंद कर दिया जाएगा? आईसीसी पर टी-20 फॉर्मेट को प्राथमिकता देने का दबाव बढ़ रहा है, जिससे क्रिकेट के पारंपरिक फॉर्मेट के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।

वनडे क्रिकेट का भविष्य

वनडे क्रिकेट, जिसे पहले क्रिकेट का लोकप्रियतम फॉर्मेट माना जाता था, अब बदलते समय के साथ चुनौती का सामना कर रहा है। खेल के सर्कल में चल रही चर्चाएं यह सुझाव देती हैं कि आईसीसी वनडे फॉर्मेट को बंद कर सकती है। इसके बजाय, टी-20 क्रिकेट को बढ़ावा देने का इरादा अपने आप में दर्शाता है कि क्रिक्रेट का स्वरूप तेजी से बदल रहा है।

टी-20 फॉर्मेट का उदय

टी-20 फॉर्मेट ने क्रिकेट को पूरी तरह से नया रंग दिया है। इस फॉर्मेट ने न केवल दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी की है, बल्कि इसकी स्पर्धा और रोमांच भी इसे अधिक लोकप्रिय बना चुका है। टी-20 में मैच का समय कम होने के कारण, युवा दर्शकों का इसका आकर्षण बढ़ रहा है। यह बात सभी क्रिकेटिंग देशों को ध्यान में रखनी होगी।

आईसीसी के फैसले और प्रभाव

आईसीसी का यह फैसला, अगर लागू होता है, तो क्रिकेट में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वनडे फॉर्मेट खत्म होता है, तो यह कई खिलाड़ियों और टीमों के लिए एक नए सफर की शुरुआत हो सकती है। यही नहीं, इससे यह भी संकेत मिलता है कि कैसे खेल की प्रकृति और स्वरूप बदलते हैं।

अब सवाल यह उठता है कि क्या हम सच में 2029 के बाद वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने जा रहे हैं? यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन मौजूदा ट्रेंड्स और चर्चाएं इस दिशा में इशारा कर रही हैं।

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निष्कर्ष

कुल मिलाकर, वर्तमान क्रिकेट परिदृश्य में बदलाव हो रहा है। वनडे का संभावित अंत और टी-20 का उदय एक प्रतिनिधित्व करता है कि खेल कैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित हो रहा है। हमें देखने की जरूरत है कि कैसे ये बदलाव अंततः क्रिकेट के भविष्य को आकार देते हैं। Keywords: 2029 के बाद वनडे क्रिकेट बंद, टी-20 फॉर्मेट के फायदे, आईसीसी का फैसला, वनडे टूर्नामेंट खत्म, टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता, क्रिकेट का भविष्य, क्रिकेट में बदलाव, वनडे बनाम टी-20, क्रिकेट प्रशंस्कों की राय, वनडे का इतिहास

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