ग्रामीणों को मिला मकान का मालिकाना हक:शिक्षामंत्री बोलीं-ईश्वर ने दो श्रेणी बनाई, एक लेने वाला और दूसरा देने
संभल के बहजोई स्थित जिला कलेक्ट्रेट में स्वामित्व योजना के अंतर्गत कार्यक्रम में यूपी सरकार में मंत्री गुलाब देवी एवं भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर अनामिका यादव पहुंची। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, एडीएम प्रदीप वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आपको बता दें कि 12,700 घरौनियों का ग्रामीणों को वितरण किया गया है, जबकि जिला कलेक्टर सभागार में 150 घरौनियों का वितरण लाभार्थियों को किया गया है। यूपी की माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी ने कहा कि ईश्वर ने दो तरह की श्रेणी बनाई है एक देने वाला और एक लेने वाला, जबसे भाजपा सरकार आई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज संभाला है तब से वह बराबर देने का काम कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि चाहे वह शौचालय हो, आवास हो या फिर आयुष्मान कार्ड हो, साथ ही युवाओं, किसानों और सबको साथ लेकर चल रहे हैं। बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा और अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज हो रहा है। बेटियों को गुंडे निगाह उठाकर नहीं देख सकते, सब सुरक्षित है। शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा देने का काम हमारी सरकार कर रही है। गुलाब देवी ने कहा कि अब तक तो वह देते रहे लेकिन अब आपको मालिक बना दिया जो देता है वह मालिक होता है। प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री ने अब मलिकआना हक आप लोगों को सौंप दिया है। जमीनों पर कितना विवाद हुआ करता था खेतों की खतौनी तो हमारे पास थी लेकिन हमारे पुरखों के जो मकान बने हुए थे उसके सबूत हमारे पास नहीं थे घेर के घेर और मकान के मकान बने पड़े हैं। लिखित में और सरकारी अभिलेखों में कहीं कुछ नहीं था, इतनी जगह में हमारा मकान होना चाहिए। लेकिन अब सरकार ने यह व्यवस्था की है कि जितनी भी आपकी जगह है लेखो-अभिलेखों में वह लिखी जाएगी। ताकि आप उसके स्वामी बन सके, आजतक कभी किसी ने ऐसा नहीं किया। आपको आपके मकान का मालिक बना दिया, सरकारी कागजों में आपका नाम अंकित हो गया। अब आपकी आने वाली अगली पीढ़ी से यह कोई नहीं कह सकता कि यह मकान तुम्हारा नहीं है सरकार की सारी योजनाएं बिना किसी भेदभाव के चल रही है।

ग्रामीणों को मिला मकान का मालिकाना हक: शिक्षामंत्री बोलीं- ईश्वर ने दो श्रेणी बनाई, एक लेने वाला और दूसरा देने
हाल ही में, ग्रामीणों को उनके मकानों का मालिकाना हक मिलने पर एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षामंत्री ने उपस्थित होकर इस अहम कदम को सराहा। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों को सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए भी एक नई दिशा प्रदान करता है। ऐसे विकासात्मक प्रयास सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
मिनट का महत्व: शिक्षा और स्वामित्व
शिक्षामंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'ईश्वर ने इस संसार में दो श्रेणी बनाई हैं, एक लेने वाला और दूसरी देने वाला।' उन्होंने जोर दिया कि मकान का मालिकाना हक प्राप्त करके ग्रामीण अब अपने जीवनस्तर में सुधार कर सकेंगे। इससे ना केवल उनके निजी जीवन में खुशहाली आएगी, बल्कि वे अपनी संपत्ति को सुरक्षित भी रख सकेंगे।
ग्रामीण विकास की दिशा में कदम
यह संपत्ति का अधिकार सरकार की कई योजनाओं का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण विकास को गति प्रदान करना है। ग्रामीण समुदायों को उनकी संपत्तियों का अधिग्रहण करने का मौका आया है और यह योजना स्थानीय लोगों के विकास के रास्ते में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
भविष्य की योजनाएँ
शिक्षामंत्री ने आगे कहा कि आने वाले समय में और भी योजनाएँ लाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को और अधिक सुविधाएँ प्रदान की जा सकें। उनका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को उसके स्वयं के घर का मालिकाना हक प्राप्त हो, जो कि एक स्थायी भविष्य की ओर पहला कदम है।
इस दिशा में एक ठोस ठोस कदम उठाते हुए, सरकार ने ग्रामीण समुदायों के विकास को प्राथमिकता दी है। ऐसी पहल न केवल वित्तीय स्थिरता लाएगी, बल्कि सामाजिक समृद्धि भी सुनिश्चित करेगी।
इस कार्यक्रम को लेकर ग्रामीणों का उत्साह देखकर कहा जा सकता है कि यह निर्णय उनके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
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