नेपाल से आए हाथियों का पीलीभीत में उत्पात:किसानों की गेहूं की फसल की बर्बाद, रात में खेतों की रखवाली करने को मजबूर

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास नेपाल से आए हाथियों ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। नेपाल की शुक्ल फंटा सेंचुरी से आए हाथियों के झुंड में से दो हाथी अभी भी टाइगर रिजर्व के जंगल में मौजूद हैं। ये हाथी रात में जंगल से निकलकर आसपास के खेतों में घुस जाते हैं। सिरसा सरदाह गांव में इन हाथियों ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है। किसानों को शोर मचाकर इन्हें भगाना पड़ता है। पिछले दो महीनों से क्षेत्र के किसान दहशत में हैं। वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। हाथियों ने टाइगर रिजर्व की सुरक्षा फेंसिंग को भी तोड़ दिया है। माला रेंजर रॉबिन सिंह के अनुसार, फसल नुकसान की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है। टीम हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास करती है। वन विभाग के लिए इन हाथियों को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती बन गया है।

Mar 11, 2025 - 13:00
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नेपाल से आए हाथियों का पीलीभीत में उत्पात:किसानों की गेहूं की फसल की बर्बाद, रात में खेतों की रखवाली करने को मजबूर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास नेपाल से आए हाथियों ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है। नेपाल की शुक्ल

नेपाल से आए हाथियों का पीलीभीत में उत्पात

हाल ही में, नेपाल से आने वाले हाथियों ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में भारी उत्पात मचाया है। इन हाथियों के द्वारा किसानों की गेहूं की फसल को बर्बाद किया जा रहा है, जिससे स्थानीय कृषि पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है, जो अब रात में अपने खेतों की रखवाली करने पर मजबूर हो गए हैं।

हाथियों का हमला और उसके परिणाम

पीलीभीत जिले के कई गाँवों में हाथियों के झुंड ने फसलों में घुसकर अनाज को नष्ट करना शुरू कर दिया है। यह न केवल किसानों के आर्थिक संसाधनों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पूरे गाँव के किसानों के बीच चिंता और भय का वातावरण भी पैदा कर रहा है। लगातार बढ़ते हाथियों के हमले के कारण किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ रहे हैं।

किसानों की समस्याएँ

किसानों का कहना है कि रात में खेतों की रखवाली करना अब उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। कई किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए नींद से भी वंचित हो रहे हैं। यह स्थिति उन किसानों के लिए अधिक कठिन हो गई है, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। हाथियों के हमले के बावजूद सरकारी अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे किसानों में और भी निराशा बढ़ रही है।

समाधान की दिशा में कदम

स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है। किसानों को सुरक्षा उपायों और सूचना के माध्यम से जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे अपने खेतों की सुरक्षा कर सकें। इसके अलावा, अधिकारियों को हाथियों की गतिविधियों पर नज़र रखने और आवश्यकतानुसार हस्तक्षेप करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए।

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