भारत-यूरोपीय संघ इस साल फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट डील फाइनल करेंगे:17 साल से रुका था समझौता; रक्षा सहयोग भी बढ़ाएंगे दोनों पक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपियन यूनियन (EU) कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने शुक्रवार को मुलाकात की। इसमें तय किया गया कि इस साल के अंत तक भारत और यूरोपीय संघ फ्री ट्रेड डील को साइन करेंगे। भारत और EU के बीच दुनिया के सबसे बड़े व्यापार समझौते पर 17 साल पहले बात शुरू हुई थी। 2013 में दोनों पक्षों की अपेक्षाएं अलग होने के चलते ये बातचीत रुक गई थी। इसे जून 2022 में फिर शुरू किया गया। अब इस साल के अंत तक इसे फाइनल किया जाएगा। भारत इस साल के अंत तक भारत-EU शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज हमने भारत-EU साझेदारी को 2025 के आगे बढ़ाने के लिए साहसी और महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाने का फैसला किया है। इसे अगले भारत-EU शिखर सम्मेलन में लॉन्च किया जाएगा।' पीएम मोदी बोले- दोनों पक्ष आगे की बातचीत को तैयार उर्सुला से बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया से कहा कि निवेश को बढ़ाना देने के लिए दोनों पक्ष सुरक्षा समझौते और दुनियाभर में हो रहे बदलावों पर भी बातचीत आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, 'हमने ट्रेड, टेक्नोलॉजी, इन्वेस्टमेंट, इनोवेशन, ग्रीन ग्रोथ, डिफेंस, स्किल डेवलपमेंट और मोबिलिटी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया है। हमने अपनी-अपनी टीमों को निर्देश दिया है कि इस साल के अंत तक ऐसा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट तैयार करें, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो। इसके अलावा दोनों नेताओं ने डिफेंस कोऑपरेशन को बढ़ाने का भी फैसला लिया है। खासतौर से इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में। उर्सुला ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत के साथ सिक्योरिटी और डिफेंस को उसी तरह बढ़ाना चाहता है, जैसा कि जापान और साउथ कोरिया के साथ है। EU अध्यक्ष ने कहा- समुद्र और अंतरिक्ष में भी रक्षा सहयोग बढ़ाने की जरूरत वॉन डेर लेयन ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत और यूरोपियन यूनियन (EU) जमीन, समुद्र और अंतरिक्ष में सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाएं। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच उन्होंने कहा कि यह "वैश्विक व्यापार की जीवन रेखा" है। इसकी सुरक्षा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है।

Feb 28, 2025 - 20:59
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भारत-यूरोपीय संघ इस साल फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट डील फाइनल करेंगे:17 साल से रुका था समझौता; रक्षा सहयोग भी बढ़ाएंगे दोनों पक्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपियन यूनियन (EU) कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने शुक्र

भारत-यूरोपीय संघ इस साल फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट डील फाइनल करेंगे

भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच लंबे समय से लटके हुए फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को इस वर्ष फाइनल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। 17 साल से यह समझौता टलता आ रहा था, लेकिन अब दोनों पक्ष एक सकारात्मक माहौल में बातचीत कर रहे हैं। यह समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि रक्षा सहयोग को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाने की संभावना रखता है।

17 साल का लंबा इंतजार

भारत और यूरोपीय संघ के बीच FTA समझौते की प्रक्रिया लगभग 17 वर्षों से लंबित है। शुरुआती बातचीत में कई समस्याएं और मतभेद आड़े आए थे, लेकिन अब दोनो पक्षों की इच्छा और प्राथमिकताओं में बदलाव ने इसे फिर से आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान किया है। यह बहुत जरूरी है क्योंकि भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

व्यापार और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन

यह समझौता मध्यम और छोटे उद्योगों के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिससे करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट भारतीय रसायन, कृषि उत्पादों, और मशीनरी के लिए यूरोपीय बाजार में कई अवसर खोलेगा। इसके साथ ही, यूरोपियन कंपनियों के लिए भारत में निवेश करने का एक अच्छा अवसर मिलेगा।

रक्षा सहयोग को बढ़ावा

FTA के साथ-साथ, भारत और EU के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग को भी मजबूत किया जाएगा। इस रणनीतिक साझेदारी के चलते न केवल तकनीकी सहयोग में वृद्धि होगी, बल्कि दोनों देशों के बीच सामरिक समझ भी बढ़ेगा। रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने से दोनों देशों को वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सशक्त बनायेंगे।

इस तरह, भारत और यूरोपीय संघ का फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट केवल व्यापारिक हितों को ही नहीं, बल्कि सामरिक और राजनीतिक संबंधों को भी नई दिशा देने में मदद करेगा।

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