रोडवेज अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप:वार्ता के लिए बुलाते हैं, पर बात नहीं करते

झांसी में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के संविदा कर्मियों ने एक अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्मियों का आरोप है कि अधिकारी से वह विभाग में हो रहीं वित्तीय गड़बड़ी पर वार्ता के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्होंने बात नहीं की। बार-बार समय देने के बाद भी अधिकारी बात नहीं कर रहे हैं। वहीं, संविदा कर्मियों के वेतन से मासिक और प्रतिदिन वेतन की कटौती की जा रही है। इस मामले में अब उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करते हुए संघ की क्षेत्रीय अध्यक्ष ज्योति मिश्रा ने रोडवेज के अधिकारी पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। कहा कि बीती 9 जनवरी को वह विभाग के एक अधिकारी के पास संविदा कर्मियों के वेतन से मासिक और प्रतिदिन वेतन की कटौती की बात लेकर पहुंची थीं। कहा नियम विरुद्ध हो रही वेतन कटौती उन्होंने बताया कि इस प्रकार की कटौती नियम विरुद्ध है, जिसे अधिकारी ने भी माना था। उन्होंने उनकी बात को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की भी बात की थी। 11 जनवरी को अधिकारी ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा। आरोप कर्मियों की आवाज उठाने पर किया ट्रांसफर संघ की क्षेत्रीय अध्यक्ष और रोडवेज कार्यालय में वीसी पद पर तैनात ज्योति मिश्रा ने कहा कि उच्च अधिकारी ने उनकी बात सुने बिना ही उनका ट्रांसफर जालौन के उरई डिपो कर दिया गया है। इसी बात से आक्रोशित संघ के पदाधिकारियों ने अब विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। संघ की मांग है कि जबतक मामले में ट्रांसफर आदेश वापस नहीं लिए जाते हैं तबतक आंदोलन जारी रहेगा।

Jan 18, 2025 - 12:55
 59  501823
रोडवेज अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप:वार्ता के लिए बुलाते हैं, पर बात नहीं करते
झांसी में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के संविदा कर्मियों ने एक अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगा

रोडवेज अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप: वार्ता के लिए बुलाते हैं, पर बात नहीं करते

आधिकारिक संवादों में उत्पीड़न के गंभीर आरोपों ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। कई रोडवेज कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनके अधिकारियों द्वारा वार्ता के लिए बुलाया जाता है, लेकिन उन वार्ताओं में कोई वास्तविक बात नहीं होती। यह न केवल कर्मचारियों के लिए मानसिक दबाव का कारण बन रहा है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल का माहौल भी प्रभावित हो रहा है।

मामले के भीतर के संदर्भ

रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि जब भी वे समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों से मिलते हैं, उन्हें केवल बातों में ही फंसाया जाता है। कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारी मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेते और उन्हें निरंतर टालते रहते हैं। इससे कर्मचारियों में असंतोष और आक्रोश फैल रहा है।

क्या हैं कर्मचारियों की अपेक्षाएँ?

कर्मचारी इस बात की अपेक्षा कर रहे हैं कि उनके ऊपर उत्पीड़न के आरोपों की गंभीरता को समझा जाए। वे चाहते हैं कि वार्ता के दौरान उनके मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो और न केवल मौखिक आश्वासन दिए जाएं। कर्मचारियों का मानना है कि इस प्रकार की स्थिति को सुधारने के लिए एक औपचारिक कार्रवाई की आवश्यकता है।

सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया

जब इस मामले पर सरकारी अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि वह समस्याओं और मुद्दों को दृष्टिगत रखते हुए उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि, अभी तक किसी ठोस समाधान की कोई घोषणा नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों के बीच निराशा का वातावरण बना हुआ है।

भविष्य क्या है?

रोडवेज क्षेत्र में इस उत्पीड़न के आरोपों का क्या परिणाम होगा, यह देखना अभी बाकी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि कर्मचारियों को उचित मंच और अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि उनके मुद्दों का समाधान किया जा सके। वे उम्मीद करते हैं कि उनकी आवाज को सुना जाएगा और फौरन कार्रवाई की जाएगी।

यह विषय केवल एक कंपनी के भीतर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। इसलिए इस मुद्दे की गंभीरता को समझना और सही कदम उठाना आवश्यक है।

सभी लेन-देन और संवादों को सुसंगत और पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता है, ताकि कोई भी कर्मचारी उत्पीड़न का शिकार न हो।

News by indiatwoday.com Keywords: रोडवेज अधिकारी उत्पीड़न आरोप, वार्ता में बात नहीं करते, कामकाजी माहौल, सरकारी अधिकारी प्रतिक्रिया, कर्मचारियों की अपेक्षाएँ, सार्वजनिक परिवहन मुद्दे, सहायता और अधिकार, मानसिक स्वास्थ्य सहायक, रोडवेज कर्मचारी सवाल, परिवहन क्षेत्र की समस्याएँ.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow