विदेश मंत्रालय बोला- यूक्रेन-रूस जंग में 12 भारतीयों की मौत:रूसी सेना की तरफ से लड़ रहे 16 लापता; फंसे भारतीयों को वापस लाएंगे

रूस की तरफ से जंग लड़ रहे अब तक 12 भारतीयों की यूक्रेन में मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'अब तक 126 भारतीय नागरिकों के रूसी सेना में शामिल होने के मामले सामने आए हैं। इनमें से 96 लोग भारत लौट आए। रूस में अभी भी 18 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से 16 की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। हम इनकी स्वदेश वापसी के लिए काम कर रहे हैं।' रूस-यूक्रेन जंग 24 फरवरी 2022 से चल रही है। इस दौरान रूसी सेना पर आरोप लगे कि उसने जंग में भाड़े और दूसरे देशों के कई लोगों को जबरन भेज दिया है। इनमें कई भारतीय भी शामिल थे। ये नौकरी की तलाश में रूस गए थे, लेकिन वहां फंस गए। केरल के रहने वाले बिनिल बाबू की रूस-यूक्रेन फ्रंटलाइन पर मौत बिनील का शव वापस लाने की कोशिश में सरकार प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि बिनिल बाबू की मौत बेहद दुखद है। हमने उनके परिवार से बात की है। हम रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क में है। हम जल्द से जल्द बिनिल बाबू के शव को लाने की कोशिश कर रहे हैं। बिनिल बाबू (32 साल) केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी के रहने वाले थे। वे कई महीने से वापस भारत लौटने के लिए गुहार लगा रहे थे। प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि एक और भारतीय जैन टी कूरियन घायल हुए हैं। वे बिनिल के रिश्तेदार हैं। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। भारतीय दूतावास उनके संपर्क में हैं। उनका स्वास्थ्य बेहतर होते ही उन्हें वापस भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि भारत ने रूस के समक्ष इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है और रूसी सेना से सभी भारतीयों की जल्द से जल्द छोड़ने की अपनी मांग दोहराई है। काम की तलाश में रूस गए, जंग लड़ने भेज दिया बिनील और कुरियन नौकरी की तलाश में रूस गए थे। वे जून 2024 में इस जंग में फंस गए। उन्हें यूक्रेनी इलाके में रूसी सैनिकों को खाना पहुंचाने और गड्ढा खोदने का काम दिया गया था। बाद में रूसी सेना ने उन दोनों को जंग में फ्रंटलाइन पर भेज दिया। बिनील बाबू के साले सनीश स्कारिया ने एक महीने पहले अपने घर फोन किया था और कहा था कि वे शायद उन्हें फिर से फोन न कर पाएं, क्योंकि वे जंग लड़ने यूक्रेनी इलाके में जा रहे हैं। बिनील बाबू रूस जाने से पहले बिजली मिस्री और कुरियन मैकेनिक का काम कर रहे थे। इन दोनों युवकों को एक रिश्तेदार ने पोलैंड में नौकरी दिलाने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उन्हें वास्तव में रूस का वीजा दिया गया था। उन्होंने वीजा और टिकट के लिए भारी रकम खर्च की थी। इसलिए उन्हें रूस जाना पड़ा। बिनील बाबू जब रूस के लिए रवाना हुए तब उनकी पत्नी गर्भवती थीं। CBI ने 4 आरोपियों को किया था गिरफ्तार भारत की जांच एजेंसी CBI ने अप्रैल 2024 में भारतीयों को धोखे से रूस-यूक्रेन जंग में भेजने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से तीन लोग भारत के थे, जबकि एक रूस के रक्षा मंत्रालय में काम करने वाला ट्रांसलेटर था। ये सभी लोग एक नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए भारतीय को नौकरी और अच्छी सैलरी का लालच देकर फंसाया जाता है। झांसा- 3 महीने की ट्रेनिंग के बाद मिलेगी 1 लाख की सैलरी जांच एजेंसी ने बताया था कि वीजा कंसल्टेंसी कंपनियां उन लोगों को टारगेट करती हैं, जो विदेश में नौकरी करना चाहते हैं। इसके बाद इन्हें झांसा देने के लिए यूट्यूब वीडियो बनाए जाते हैं। इनमें दिखाया जाता है कि रूस में जंग का कोई असर नहीं है और सब सुरक्षित हैं। इसके बाद रूस की आर्मी में हेल्पर, क्लर्क और जंग में ढह चुकी इमारतों को खाली करने की जॉब में वेकेंसी दिखाई जाती है। वीडियो में बताया जाता है कि नौकरी लेने वाले लोगों को बॉर्डर पर जंग लड़ने नहीं जाना होगा। उन्हें 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिस दौरान 40 हजार रुपए की सैलेरी मिलेगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद तनख्वाह 1 लाख रुपए हो जाएगी। 'रूसी आर्मी में भर्ती नहीं हुए तो 10 साल की सजा होगी' जब भारतीय झांसे में आकर रूस चले जाते हैं, तो उन्हें जबरदस्ती मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें झूठे दस्तावेज दिखाए जाते हैं, जिस पर लिखा होता है कि अगर वे रूसी आर्मी में भर्ती नहीं हुए तो उन्हें 10 साल जेल की सजा हो जाएगी।

Jan 17, 2025 - 18:15
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विदेश मंत्रालय बोला- यूक्रेन-रूस जंग में 12 भारतीयों की मौत:रूसी सेना की तरफ से लड़ रहे 16 लापता; फंसे भारतीयों को वापस लाएंगे
रूस की तरफ से जंग लड़ रहे अब तक 12 भारतीयों की यूक्रेन में मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता र

विदेश मंत्रालय बोला- यूक्रेन-रूस जंग में 12 भारतीयों की मौत: रूसी सेना की तरफ से लड़ रहे 16 लापता; फंसे भारतीयों को वापस लाएंगे

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यूक्रेन-रूस संघर्ष में भारतीय नागरिकों के नुकसान का विवरण

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ने वैश्विक चिंताओं को जन्म दिया है। हाल ही में, भारत के विदेश मंत्रालय ने सूचना दी है कि इस संघर्ष में 12 भारतीय नागरिकों की दुखद मृत्यु हो गई है। इसके साथ ही, 16 भारतीय नागरिक इस समय लापता हैं, जो कि रूस की सेना की तरफ से लड़ रहे हैं। यह स्थिति उन परिवारों के लिए चिंताजनक है, जो अपने प्रियजनों की सलामती की कामना कर रहे हैं।

लापता भारतीयों के बारे में जानकारी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि लापता भारतीयों की पहचान की जा रही है, और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने एक विशेष टीम का गठन किया है जो युद्ध क्षेत्र में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, सरकार भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर संपर्क बनाए रखेगी।

भारतीय सरकार की पहलें

भारतीय सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह उन लोगों के लिए संभावित सहायता प्रदान करेगा जो इस संकट में फंसे हुए हैं। संबंधित परिवारों को भी नियमित जानकारी दी जाएगी ताकि उन्हें इस कठिन समय में जानकारी रह सके।

संघर्ष का वर्तमान स्थिति

यूक्रेन-रूस का युद्ध भविष्य में और अधिक जटिलता पैदा कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विभिन्न संगठन इस संकट को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयास कर रहे हैं। भारत ने भी शांति की स्थापना के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है और सभी पक्षों से वार्ता की अपील की है।

समापन

इस कठिन परिस्थिति में, हम सभी भारतीय नागरिकों की सलामती की कामना करते हैं। सरकार का यह प्रयास कि फंसे भारतीयों को वापस लाया जाए, प्रशंसनीय है। हम उम्मीद करते हैं कि सभी भारतीय सुरक्षित वापस आएंगे और इस संकट का समाधान जल्द ही निकलेगा।

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