सुजानपुर में 250 साल पुरानी होली परंपरा:डीजे की धुन पर थिरके लोग, चौगान मैदान में उमड़ी भीड़; कल होगा राष्ट्रीय मेले का समापन
हमीरपुर की ऐतिहासिक नगरी सुजानपुर में सुबह से होली का जश्न चल रहा है। सैकड़ों लोग सुबह से होली मनाने चौगान मैदान पहुंच रहे है। रंगों के इस पर्व को लोग एक दूसरे पर गुलाल लगाकर मना रहे है। चौगान मैदान में लोग डीजे की धुन पर थिरक रहे हैं। सुजानपुर के विधायक कैप्टन रणजीत सिंह भी सुबह से ही लोगों के साथ नाच गा रहे हैं। होली उत्सव का कल होगा समापन बता दें कि सुजानपुर का होली उत्सव राष्ट्रीय स्तर का है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इसे इंटरनेशनल बनाने की घोषणा कर दी है। यह उत्सव 12 से 15 मार्च तक चलेगा। अगले कल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहेंगे। बताया जाता है कि सुजानपुर में महाराजा संसार चंद पहले अपने महल में रानियों के साथ होली खेला करते थे। दोपहर तक वह होली खेलते खेलते जनता के बीच आते थे। तब से लेकर यहां होली को धूमधाम से मनाया जाता है। ब्रज की तरह होली खेलने की परंपरा सुजानपुर के चौगान मैदान के एक कोने पर 1785 में बने मुरली मनोहर मंदिर में पूजा के बाद महाराजा संसार चंद प्रजा के साथ होली खेलते थे। उन्होंने ब्रज की तरह यहां भी होली को लोकोत्सव का रूप दिया।

सुजानपुर में 250 साल पुरानी होली परंपरा
सुजानपुर में इस वर्ष होली का त्योहार विशेष ढंग से मनाया गया, जिसमें 250 वर्षीय परंपरा का सम्मान करते हुए लोग DJ की धुन पर थिरके। चौगान मैदान में एक बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई, जो इस खुशनुमा अवसर का आनंद लेने आई थी।
हिरण का महत्व
इस वर्ष होली की खुशियों में भाग लेने वाले लोगों ने न केवल रंग और गुलाल उड़ाए, बल्कि विभिन्न cultural कार्यक्रमों में भी भाग लिया। सुजानपुर की यह परंपरा सालों से चली आ रही है और यहां के लोग इसे हर साल उत्साह के साथ मनाते हैं। DJ की धुन पर थिरकते हुए लोग रंग बिरंगे कपड़े पहनकर अपनी खुशी का इज़हार कर रहे थे।
राष्ट्रीय मेले का समापन
इस भव्य उत्सव के दौरान, चौगान मैदान में आयोजित राष्ट्रीय मेले का समापन कल होगा। इसे सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा कई तैयारियां की गई हैं। मेले में विभिन्न स्टॉल, खानपान और कला प्रदर्शनियों के अलावा, प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं। यह मेले के समापन की समारोह न केवल एक संगीनी सांस्कृतिक अनुभूति देने वाला है, बल्कि यह लोक कला और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का भी एक अद्भुत अवसर है।
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आगे की जानकारी
यदि आप इस उत्सव और मेले की अन्य गतिविधियों के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया indiatwoday.com पर जाएं। इस परंपरा ने हमेशा से सुजानपुर को एक विशेष स्थान दिया है और इसे आगे भी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी।
घर पर होली मनाने की विधि
जो लोग इस परंपरा में शामिल नहीं हो पाए, वे घर पर भी होली मना सकते हैं। रंगीन पेंट्स, गुझिया और अन्य पारंपरिक मिठाइयों से अपने परिवारजनों के साथ उत्सव मनाना एक सुखद अनुभव हो सकता है। Keywords: सुजानपुर होली, 250 साल पुरानी परंपरा, DJ की धुन पर थिरके लोग, चौगान मैदान होली, राष्ट्रीय मेले का समापन, होली भारत में, सुजानपुर मेले की गतिविधियां, सांस्कृतिक त्यौहार सुजानपुर, होली समारोह विधि, रंग बिरंगी होली
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