हिमाचल CM की पटवारी-कानूनगो को दो टूक:स्टेट-कैडर का फैसला वापस नहीं होगा, प्रमोशन प्रभावित नहीं होने देंगे, हड़ताल छोड़ काम पर लौटें
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा दौरे के दौरान शनिवार को 11 दिन से हड़ताल पर गए पटवारी-कानूनगो से मुलाकात की। मुख्यमंत्री सुक्खू ने दो टूक शब्दों में कहा कि स्टेट कैडर बनाने का फैसला वापस नहीं होगा। मगर स्टेट कैडर की वजह से किसी की प्रमोशन प्रभावित न हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने पटवारी कानूनगो से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि बजट सत्र के बाद वह अप्रैल में उनके साथ मीटिंग करेंगे। इसमें पटवारी कानूनगो से सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी की प्रमोशन प्रभावित न हो, इसके लिए यदि डिस्ट्रिक एस्टेब्लिशमेंट में भी रखना पड़े तो उस पर भी विचार करेंगे। नोटिफिकेशन में सुधार को सरकार तैयार: CM पटवारी कानूनगो की स्टेट कैडर वापस करने की नोटिफिकेशन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यदि नोटिफिकेशन वापस करने लग गई तो उसका मतलब क्या रह जाएगा। उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन में सुधार किया जाएगा। इस दौरान पटवारी कानूनगो ने कहा कि छोटे जिलों में जिन कर्मचारियों की अगले एक दो महीने में प्रमोशन ड्यू है, स्टेट कैडर बनने से उनकी प्रमोशन नहीं हो पाएगी। 4000 पटवारी-कानूनगो 11 दिन से हड़ताल पर बता दें कि राज्य सरकार ने बीते माह पटवारी-कानूनगो को स्टेट कैडर बनाया है। इसके विरोध में राज्य के 4000 से ज्यादा पटवारी-कानूनगो 25 फरवरी से हड़ताल पर है। इससे हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ है। पटवारी-कानूनगो की हड़ताल से लटके ये काम पटवार-कानूनगो सर्किल दफ्तर में ताले लटके हुए हैं। लोगों के डिमार्केशन, इंतकाल, तकसीम जैसे अनेकों काम नहीं हो हो रहे। छात्रों को काउंसलिंग, एडमिशन और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विभिन्न प्रकार से सर्टिफिकेट नहीं मिल रहे। वहीं पटवारी कानूनगो भी मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल से लौटने को तैयार नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद पटवारी कानूनगो हड़ताल को लेकर जल्द फैसला ले सकते हैं।

हिमाचल CM की पटवारी-कानूनगो को स्पष्ट संकेत: प्रमोशन प्रभावित नहीं, हड़ताल छोड़ काम पर लौटें
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में पटवारी और कानूनगो कर्मचारियों से साफ शब्दों में कहा कि राज्य-कैडर से जुड़े फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा। उनके इस बयान ने कर्मचारियों के बीच चिंता को बढ़ा दिया है, जो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। यह कदम मुख्यमंत्री द्वारा स्थायी समाधान की दिशा में उठाया गया है, जिसमें उनके प्रमोशन पर असर न पड़ने की बात भी शामिल है।
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
सीएम के मुताबिक, किसी भी प्रकार की हड़ताल या काम करने में विघ्न डालना उचित नहीं है। उन्होंने पटवारी और कानूनगो कर्मचारियों को समझाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी, लेकिन हड़ताल जारी रखना केवल उनकी स्थिति को और बिगाड़ेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्मचारी अपने काम पर लौटें ताकि वे जनता की सेवा कर सकें।
प्रमोशन पर प्रभाव
सीएम ने आश्वस्त किया कि उनका प्रमोशन प्रभावित नहीं होगा। यह घोषणा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रमोशनों का संकट अक्सर ऐसे समय में उत्पन्न होता है जब कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी चुनौतीपूर्ण होती है।
हड़ताल का मनोबल
हड़ताल ने कई कामों को प्रभावित किया है और इससे राज्यवासियों की समस्याएं बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि सभी कर्मचारी तत्काल काम पर लौटें ताकि जनहित में कार्य आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि निरंतर संवाद और सहयोग से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
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