महाकुंभ में 1500 गंगा सेवा दूत कर रहे सफाई:अडानी ग्रुप की महाप्रसादम सेवा जारी, श्रद्धालुओं के लिए खास टायलेट
महाकुंभ 2025 में गंगा सेवा दूत न केवल मां गंगा की निर्मलता बनाए रखने में जुटे हैं, बल्कि स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता का संदेश भी फैला रहे हैं। उनकी अथक सेवा और समर्पण इस महापर्व को न सिर्फ भव्य बल्कि स्वच्छ और दिव्य भी बना रहा है। घाटों पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा पूजा-अर्चना के दौरान के जैसे ही फूल अर्पित किए जाते हैं, ये गंगा सेवा दूत तुरंत उसे निकालकर नदी को साफ कर देते है। गंगा और यमुना की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए करीब 1500 गंगा सेवा दूतों को सभी सेक्टर्स में बने घाटों पर नियुक्त किया गया है। इन सभी गंगा सेवा दूतों को मेला प्रशासन की ओर से भी ट्रेंड भी किया गया है। महाकुंभ के पहले दिन सभी गंगा सेवा दूत अपनी नियत ड्यूटी पर तैनात रहें हैं साथ ही श्रद्धालुओं के लिए नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहे। महाकुंभ में अदाणी ग्रुप और इस्कॉन के माध्यम से आम लोगों में महाप्रसाद वितरित किया जा रहा है। इससे लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन लाभ उठा रहे हैं। गंगा सेवा दूत के लिए ये सेवा किसी वरदान से कम नहीं है, अपनी डयूटी करते हुए ये अदाणी-इस्कॉन सेक्टर-19 के किचन में प्रसाद ग्रहण करते है फिर अपनी डयूटी पर चले जाते है। उनका मानना है इस नि:शुल्क सेवा से उन्हे काफी राहत मिली है और वो अपनी जिम्मेदारी आसानी से संभाल लेते है। महाप्रसाद पूरी तरह से सात्विक और स्वच्छता के उच्च मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है। महाप्रसाद में प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाते हैं और हजारों कर्मचारियों की मदद से इसे सुचारू रूप से वितरित किया जाता है। यहां पर श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने के बाद अपनी इच्छा से सेवा भी दे सकते हैं। स्काउट एंड गाइड के वॉलंटियर्स भी महाकुंभ में दिखे तत्पर इनकी मदद के लिए स्काउट एंड गाइड के भी युवक एवं युवतियां तत्परता से तैयार नजर आए। ये युवक एवं युवतियां स्वयं सेवा के तहत घाटों पर मुस्तैदी से कार्य करते दिखे। 9 जनवरी से ही स्काउट एंड गाइड टीम यहां पर आ गए हैं, टीम में मिर्जापुर, वाराणसी से भी स्काउट एंड गाइड हैं। कुल मिलाकर 91 लोग स्वयं सेवा में लगे हुए हैं। इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है। 45 दिनों में कुल 10 हजार 200 स्काउट एंड गाइड पूरे महाकुम्भ में अपनी सेवाएं देंगे। हर हफ्ते 250-250 लोग यहां पर पहुंचेंगे। उनके रहने और खाने-पीने के लिए प्रशासन की ओर से सेक्टर 6 में व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं के खास टॉयलेट इस बार महाकुंभ में 1.5 लाख टॉयलेट्स और यूरिनल्स को पूरे मेला क्षेत्र और पार्किंग स्थलों पर स्थापित किया जाना है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इन टॉयलेट्स की साफ सफाई को लेकर है. प्रशासन ने इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की है। मेले में क्यूआर बेस्ड मॉनीटरिंग सिस्टम के माध्यम से टॉयलेट्स में स्वच्छता का सर्वे किया जाएगा। विशेष ऐप के माध्यम से जिस टॉयलेट में गंदगी की जानकारी मिलेगी, उसे चंद मिनटों में क्लीन कर दिया जाएगा। यही नहीं सफाई के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम अपनाया जाएगा, ताकि मैनुअल सफाई की आवश्यकता न पड़े। इसी तरह सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए भी सेसपूल ऑपरेशन प्लान रेडी तैयार किया गया है।

महाकुंभ का महत्त्व
महाकुंभ, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, का आयोजन हर 12 साल में तीन स्थानों पर होता है। इस वर्ष, लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी के साथ, यह महापर्व गंगा नदी के किनारे मनाया जा रहा है। इस मेले के दौरान, अडानी ग्रुप ने अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए 1500 गंगा सेवा दूतों को नियुक्त किया है, जो सफाई और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तत्पर हैं।
गंगा सेवा दूत और उनकी गतिविधियाँ
गंगा सेवा दूतों का उद्देश्य वातावरण को स्वच्छ रखना और श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है। उनकी विभिन्न गतिविधियों में तालाबों की सफाई, गंगा किनारे कूड़ा उठाना और सभी श्रद्धालुओं के लिए साफ-सुथरी जगह प्रदान करना शामिल है। ये दूत प्रतिदिन गंदगी को हटाते हैं, ताकि महाकुंभ का माहौल पवित्र और सुंदर बना रहे।
अडानी ग्रुप की महाप्रसादम सेवा
अडानी ग्रुप ने श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादम सेवा भी शुरू की है। इस सेवा के अंतर्गत, भक्तों को न केवल स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की जा रही है, बल्कि स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अडानी ग्रुप का यह प्रयास श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभव देने के लिए किया जा रहा है।
विशेष टायलेट सुविधाएँ
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष टायलेट सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। ये टायलेट पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित हैं, जो मेले में आने वाले भक्तों की विभिन्न आवश्यकताओं का ध्यान रखती हैं। अडानी ग्रुप के द्वारा विकसित ये टायलेट अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं, जिससे श्रद्धालुओं को एक आरामदायक अनुभव प्राप्त होता है।
निष्कर्ष
इस महाकुंभ में अडानी ग्रुप की पहल केवल श्रद्धालुओं की भलाई के लिए नहीं, बल्कि गंगा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। ऐसे कदमों से न केवल महाकुंभ का माहौल साफ-सुथरा बना रहता है, बल्कि यह भारत की धार्मिक संस्कृति और परंपराओं को भी सहेजता है। Keywords: महाकुंभ 2023, गंगा सेवा दूत, अडानी ग्रुप, महाप्रसादम सेवा, श्रद्धालुओं के लिए टायलेट, महाकुंभ सफाई अभियान, गंगा सफाई, धार्मिक मेले, पवित्रता बनाए रखना, श्रद्धालु सुविधाएँ, पर्यावरणीय जागरूकता.
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