हिमाचल: पेयजल घोटाला में 8 सस्पेंड अफसरों से पूछताछ:रिकॉर्ड कब्जे में लिया, 1 ठेकेदार भी जांच में शामिल, 3 कॉन्ट्रेक्टर नहीं पहुंचे

हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पेयजल घोटाले में आज आठ सस्पेंडेड अधिकारियों से विजिलेंस मुख्यालय में पूछताछ की गई। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) ने आज इन अधिकारियों से पानी ढुलाई से संबंधित रिकार्ड भी कब्जे में लिया है। इससे पहले विजिलेंस टीम एसडीएम दफ्तर ठियोग से रिकार्ड कब्जे में ले चुकी है। आज दो एक्सिइन को छोड़कर 8 एसडीओ और जेई से पूछताछ की गई। इन दोनों को अलग से पूछताछ में शामिल होने को बुलाया जाएगा। विजिलेंस की एसआईयू ने पानी की सप्लाई करने वाले चार ठेकेदार भी सोमवार को पूछताछ के लिए मुख्यालय तलब किए थे‌‌। मगर एक ठेकेदार ही जांच में शामिल हुआ है। बता दे कि राज्य सरकार ने बीते शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया था और इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंपी थी। विजिलेंस ने इस मामले की जांच के लिए एडिशनल एसपी विजिलेंस नवदीप की अगुवाई में एसआईयू का गठन किया है। इन्हें किया गया सस्पेंड ​सरकार ने प्रारंभिक जांच के बाद मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार को सस्पेंड किया है। माकपा विधायक ने लगाए थे गबन के आरोप पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, 'पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।' सिंघा बोले- RTI से भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। ​​​​​​बाइक पर ढोया पानी सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शाई गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।

Jan 6, 2025 - 20:20
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हिमाचल: पेयजल घोटाला में 8 सस्पेंड अफसरों से पूछताछ:रिकॉर्ड कब्जे में लिया, 1 ठेकेदार भी जांच में शामिल, 3 कॉन्ट्रेक्टर नहीं पहुंचे
हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पेयजल घोटाले में आज आठ सस्पेंडेड अधिकारियों से विजिलेंस मुख्यालय में

हिमाचल: पेयजल घोटाला में 8 सस्पेंड अफसरों से पूछताछ

पेयजल घोटाला मामले में हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने 8 सस्पेंड अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है। यह मामला तब सार्वजनिक हुआ जब विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में यह खुलासा हुआ कि राज्य में पानी की आपूर्ति में गंभीर अनियमितताएँ हुई हैं।

पुलिस ने लिया रिकॉर्ड कब्जे में

जांच के दौरान पुलिस ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कब्जे में लिया है, जो घोटाले की परतों को खोलने में मदद कर सकते हैं। अधिकारियों के वरिष्ठता के आधार पर जांच की जा रही है, और उनके बयान लिए जा रहे हैं। इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि इस घोटाले में और भी अधिकारी शामिल हो सकते हैं।

ठेकेदार और कॉन्ट्रैक्टर की भूमिका

मामले की जाँच में एक ठेकेदार को भी शामिल किया गया है, जिसे पानी के सप्लाई के ठेके दिए गए थे। जांच में सामने आया है कि तीन मुख्य कॉन्ट्रैक्टर उपस्थित नहीं हुए, जो गंभीर प्रश्न उठाते हैं उनके कार्य एवं उत्तरदायित्व के बारे में।

क्या होगा अगला कदम?

हिमाचल प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि इस घोटाले के पीछे जो भी लोग होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में इन अधिकारियों और ठेकेदारों से फिर से पूछताछ की जा सकती है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने त्वरित कदम उठाने का फैसला किया है।

ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही की आवश्यकता को समझते हुए, सरकार उम्मीद करती है कि अनियमितताओं को सामने लाने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। आगे की अपडेट के लिए पढ़ते रहें News by indiatwoday.com.

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश के पेयजल घोटाले की जांच अब गति पकड़ रही है। इस मामले में सामने आए तथ्य न केवल सांस्थानिक भ्रष्टाचार को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि सरकार इसमें कठोर कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इससे नागरिकों में विश्वास और सुधारों का माहौल बनेगा। हिमाचल पेयजल घोटाला, सस्पेंड अधिकारी हिमाचल, पानी की आपूर्ति घोटाला, ठेकेदार जांच हिमाचल, कॉन्ट्रैक्टर की अनुपस्थिति, हिमाचल घोटाला अपडेट

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