आजमगढ़ में युवक की मौत की शुरू हुई मजिस्ट्रियल जांच:31 मार्च को पुलिस कस्टडी में हुई थी सनी कुमार की मौत, आक्रोशित लोगों ने किया था जमकर पथराव
आजमगढ़ जिले के तरवा थाने में पुलिस कस्टडी में 31 मार्च को दलित युवक सनी कुमार की हुई मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। जिले के डीएम नवनीत सिंह चहल ने लालगंज के उप जिला मजिस्ट्रेट को इस जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। तरवा थाने के उमरी गांव के रहने वाले शनि कुमार पुत्र हरिकांत ने 31 मार्च को थाने के टॉयलेट में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस मामले की जानकारी जब परिजन और ग्रामीणों को हुई तो आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने थाने पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया था और पुलिस की गाड़ियों को भी तोड़ दिया गया था। इस मामले में जहां पुलिस की तरफ से 14 नामजद सहित 40 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं मृतक सनी कुमार की मां की तहरीर पर थाने के प्रभारी कमलेश कुमार पटेल सहित पुलिस कर्मियों पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। 9 अप्रैल से 23 अप्रैल तक कोई भी दे सकता है साक्ष्य इस बारे में जिले के डीएम नवनीत सिंह चाहल ने बताया कि इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के लिए लालगंज के उप जिला मजिस्ट्रेट को नामित किया गया है। यदि कोई भी व्यक्ति घटना के संबंध में किसी प्रकार की आपत्ति अपना बयान और किसी प्रकार का साक्ष्य देना चाहता है तो वह 9 अप्रैल 2025 से 23 अप्रैल तक किसी भी कार्य दिवस में जांच अधिकारी लालगंज के कार्यालय में उपस्थित होकर दोपहर दो बजे से पांच तक अपना बयान आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है। पुलिस कस्टडी में हुई थी मौत आजमगढ़ जिले के तरवा थाने में 31 मार्च को दलित युवक सनी कुमार की पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी। जहां इस मामले में पुलिस का कहना है कि युवक ने टॉयलेट में फंदा लगाकर जान दे दी थी। वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जान बूझकर इस घटना को अंजाम दिया। ऐसे में जहां परिजनों की तहरीर पर थाना प्रभारी सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में पुलिस कर्मियों की तहरीर पर भी 14 नामजद सहित 40 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था।

आजमगढ़ में युवक की मौत की शुरू हुई मजिस्ट्रियल जांच
आजमगढ़ में सनी कुमार की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच की शुरुआत हो गई है। सनी कुमार की मौत 31 मार्च को पुलिस कस्टडी में हुई थी, जिसके बाद से यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने इस घटना को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर पथराव किया, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
मामले का पृष्ठभूमि
सनी कुमार के परिजनों का आरोप है कि उन्हें पुलिस ने गलत तरीके से हिरासत में लिया था, जिससे उनकी मौत हुई। इस हत्या के मामले में स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ तेजी से बढ़ी हैं, और उन्होंने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई। मजिस्ट्रियल जांच में जाँच दल घटना के सभी पहलुओं की गंभीरता से समीक्षा करेगा।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बिना किसी व्यवधान के जांच को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सच सामने आए।
निवेदन और समुदाय का सहयोग
स्थानीय नेतागण और संगठनों ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और मामले में सहयोग करें। वे यह भी आश्वस्त कर रहे हैं कि सच्चाई सामने लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
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