दिसंबर में वेज थाली की कीमत 6% बढ़ी:आलू और टमाटर के दाम बढ़ने का असर; नॉन-वेज थाली सालाना आधार पर 12% महंगी
भारत में एक वेजिटेरियन थाली की कीमत दिसंबर में (सालाना आधार पर) 6% बढ़कर 31.60 रुपए हो गई। पिछले साल दिसंबर 2023 में वेज थाली की कीमत 29.70 रुपए थी। क्रिसिल ने जारी किए अपने फूड प्लेट कॉस्ट के मंथली इंडिकेटर में इस बात की जानकारी दी। क्रिसिल ने रिपोर्ट में बताया कि वेजिटेरियन थाली की कीमत नवंबर की तुलना में दिसंबर में 3% घटी है। नवंबर में वेज थाली की कीमत 32.70 रुपए थी। नॉन-वेज थाली 12% महंगी नॉन-वेज थाली की कीमत दिसंबर में सालाना आधार पर 12% बढ़कर 63.30 रुपए हो गई। पिछले साल दिसंबर 2023 में नॉन वेज थाली की कीमत 56.40 रुपए थी। मंथली बेसिस पर यानी नवंबर की तुलना में दिसंबर में नॉन-वेज थाली की कीमत 3% बढ़ी है। नवंबर में नॉन-वेज थाली की कीमत 61.50 रुपए ही थी। आलू-टमाटर के भाव ने वेज थाली के दाम बढ़ाए क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, आलू और टमाटर के दाम बढ़ने के चलते वेज थाली की कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है। वेज थाली कॉस्ट में आलू और टमाटर की 24% हिस्सेदारी होती है। सालाना आधार पर आलू के दाम 50% और टमाटर की कीमतों में 24% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं सालाना आधार पर वेजिटेबल ऑयल भी 16% बढ़ा है। LPG सिलेंडर 11% सस्ता हुआ है। चिकन के प्राइस में तेजी के कारण नॉन वेज थाली की कीमत बढ़ी वहीं नॉन वेज थाली की कीमत में ये तेजी ब्रॉयलर्स यानी चिकन के प्राइस में सालाना आधार पर 20% की बढ़ोतरी के चलते आई है। नॉन-वेज थाली की लागत में ब्रॉयलर की 50% हिस्सेदारी होती है। ऐसे कैलकुलेट होती है थाली की एवरेज कॉस्ट ये खबर भी पढ़ें... नवंबर में रिटेल महंगाई घटकर 5.48%: खाने-पीने की चीजें सस्ती होने का असर, अक्टूबर में 14 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 6.21% पर थी नवंबर महीने में रिटेल महंगाई घटकर 5.48% पर आ गई है। यह पिछले महीने से 0.73% कम है। अक्टूबर में खाने-पीने की चीजें महंगी होने से रिटेल महंगाई 6.21% पर पहुंच गई थी। यह 14 महीनों का उच्चतम स्तर था। अब खाने-पीने की चीजों के दाम कम होने से महंगाई घट गई है। महंगाई के बास्केट में लगभग 50% योगदान खाने-पीने की चीजों का होता है। पूरी खबर पढ़ें...

दिसंबर में वेज थाली की कीमत 6% बढ़ी
दिसंबर महीना भारतीय उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का संकेत लेकर आया है। आश्चर्यजनक रूप से, पिछले महीने में वेज थाली की कीमत में 6% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से आलू और टमाटर जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण हुई है।
आलू और टमाटर के दाम बढ़ने का असर
आलू और टमाटर के दाम में वृद्धि ने भारतीय थाली की कीमत को प्रभावित किया है। दिसंबर में आलू की कीमतें 25% तक बढ़ गई हैं, जबकि टमाटर की कीमतों में भी 15% से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है। इस कारण से न केवल वेज थाली, बल्कि अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी असर पड़ा है। उपभोक्ताओं को अब अपने बजट में पुनर्विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
नॉन-वेज थाली की स्थिति
नॉन-वेज थाली की बात करें तो, इसकी कीमत में सालाना आधार पर 12% की बढ़ोतरी हुई है। मांस और मछली जैसे नॉन-वेज आइटम के मूल्य में वृद्धि ने इसे एक महंगा विकल्प बना दिया है। ऐसे में, उपभोक्ताओं को अपनी खाने की आदतों पर फिर से विचार करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
महंगाई के प्रभाव
महंगाई का यह प्रभाव भारतीय आम जनता के जीवन पर काफी गहरा असर डाल रहा है। आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से आजीविका पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही, परिवारों के बजट भी प्रभावित हो रहे हैं, जिससे अन्य आवश्यकताओं के लिए खर्च कम हो रहा है।
इस माहौल में, उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से सतर्क रहना जरूरी है। वेज और नॉन-वेज थाली की कीमतों में इस तरह की तेजी से न केवल खाने की आदतें बदलेंगी, बल्कि लोगों की स्वास्थ्य संबंधी आदतों पर भी असर पड़ सकता है।
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