नेशनल स्टार्टअप डे: देश में हर घंटे एक स्टार्टअप लॉन्च:2015 तक 450 थे, आज डेढ़ लाख पार; इनमें 118 यूनिकॉर्न बने
भारत में हर घंटे एक स्टार्टअप लॉन्च हो रहा है। हुरुन रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी सालों में भविष्य के 152 यूनिकॉर्न 31 शहरों से होंगे। 5 साल में इनकी संख्या दोगुनी हो जाएगी। 2015 तक देश में 450 स्टार्टअप थे। अब 806 जिलों में से 779 में 1.57 लाख स्टार्टअप हैं। 50% से अधिक टियर 2 और 3 शहरों में हैं। देश में अभी 118 यूनिकॉर्न स्टार्टअप है। 2025 में देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम एक अहम मोड़ पर है, जिसने बीते वर्ष रिकॉर्ड आईपीओ और फंडिंग देखी है। स्टार्टअप्स ने 993 सौदों से करीब एक लाख करोड़ रुपए जुटाए, जो बाजार में मजबूत रिकवरी का संकेत है। मार्केट रिसर्च एजेंसी मैकिंजी की रिपोर्ट ‘यूनिकॉर्न 2.0: एडिंग द नेक्स्ट ट्रिलियन’ के मुताबिक, 2030 तक भारतीय स्टार्टअप 5 करोड़ से ज्यादा रोजगार जोड़ सकते हैं। इनमें इकोनॉमी में करीब 87 लाख करोड़ रुपए जोड़ने की क्षमता है। तब भारतीय इकोनॉमी 7 ट्रिलियन डॉलर की होगी। 5 करोड़ नई नौकरियों में से 40-50 लाख सीधे स्टार्टअप से जुड़ी होंगी। 90 लाख से 1 करोड़ गिग वर्कर्स की होंगी। बाकी 3.5 करोड़ से 4 करोड़ नौकरियां अप्रत्यक्ष रूप से जेनरेट होंगी। बीते दशक कुल पैदा हुईं नौकरियों में 20% स्टार्टअप से निकली हैं। स्टार्टअप के 6 बड़े ट्रेंड 1. महिलाओं के नेतृत्व वाले 20 स्टार्टअप जल्द होंगे यूनिकॉर्न अभी देश में महिला नेतृत्व वाले 18 यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं। हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगले 5 साल में ऐसे 20 स्टार्टअप जुड़ेंगे। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए व्यवसायों में आए निवेश पर पुरुषों से ज्यादा कमाई की। 2. कर्मचारियों को ‘करोड़पति’ बनाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ेगा स्टार्टअप शेयर देकर वेल्थ क्रिएटर्स बन रहे हैं। 5 वर्षों ने 100+ स्टार्टअप ने 15 हजार करोड़ दिए। बीते साल 23 स्टार्टअप के 3 हजार कर्मचारियों को 1,470 करोड़ रुपए मिले। स्विगी ने 500 लोगों को करोड़पति बनाया। आने वाले वर्षों में इस ट्रेंड में तेजी आएगी। 3.100 से ज्यादा एआई स्टार्टअप आकार ले सकते हैं 2025 में एआई स्टार्टअप की बाढ़ आ सकती है। 100 से अधिक एआई स्टार्टअप आकार लेंगे। ये 4 हजार करोड़ से अधिक की फंडिंग जुटा सकते हैं। क्लाइमेट टेक, डीप टेक जैसे ईवी, ग्रीन हाइड्रोजन, एआई से जुड़े क्षेत्र में ज्यादा अधिग्रहण होंगे। 4. 25 स्टार्टअप आईपीओ से जुटाएंगे ₹55 हजार करोड़ बीते साल देश में 13 स्टॉर्टअप के आईपीओ आए। इन्होंने 29 हजार करोड़ जुटाए। इस साल यह संख्या दोगुना होकर 25 हो जाएगी। इनमें जेटवेर्क, पाइनलैब और जेप्टो जैसे बड़े स्टार्टअप होंगे। स्विगी ने सर्वाधिक 10 हजार करोड़ से अधिक जुटाए। 5. पांच साल में यूनिकार्न दोगुने बढ़कर 230 हो सकते हैं भारत ने बीते साल 7 नए यूनिकॉर्न जोड़े। अभी कुल यूनिकॉर्न 118 हैं। इनमें एथर एनर्जी और पर्फियोस हैं। इस साल संख्या 130 हो सकती है। 2030 तक 250 यूनिकॉर्न होंगे। अभी 29 यूनिकॉर्न प्रॉफिट में हैं। जीरोधा का सबसे ज्यादा करीब 5,500 करोड़ है। 6. भारतीय स्टार्टअप्स को घरेलू निवेशकों से मिल रही फंडिंग इस साल स्टार्टअप फंडिंग 25 फीसदी बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपए पहुंच सकती है। पहले निवेश में वैश्विक वेंचर कैपिटल का दबदबा था, अब ये ट्रेंड पलट रहा है। 2023 में कुल फंडिंग में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 90 फीसदी रही। ये ट्रेंड आगे जारी रहेगा। (स्रोत: ओरियोज वेंचर पार्टनर्स, इंक 42, हुरुन रिपोर्ट) ................................. देश के बैंकों में ₹1.50 लाख करोड़ कैश की कमी देश के बैंकों में कैश की किल्लत एक बार फिर बढ़ गई है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में देश के बैंकिंग सिस्टम में नकदी की कमी 1.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इससे निपटने के लिए बैंक डिपॉजिट बढ़ा रहे हैं। नतीजतन डिपॉजिट की ब्याज दरें 7.50% तक पहुंच गई हैं। कुछ बैंकों ने ज्यादा ब्याज वाली नई स्कीम्स की आखिरी तारीख बढ़ाई है और कुछ ने नई एफडी स्कीम्स लॉन्च की हैं। पूरी खबर पढ़ें...

नेशनल स्टार्टअप डे: देश में हर घंटे एक स्टार्टअप लॉन्च
आज के इस डिजिटलीकृत युग में, भारत ने अपने स्टार्टअप इकोसिस्टम में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। News by indiatwoday.com के अनुसार, 2015 तक जहां देश में केवल 450 स्टार्टअप थे, वहीं आज यह संख्या डेढ़ लाख के पार पहुंच चुकी है। हर घंटे एक नया स्टार्टअप लॉन्च हो रहा है, जो हमारे युवा उद्यमियों की रचनात्मकता और नवाचार की क्षमता को दर्शाता है।
भारत में स्टार्टअप का बढ़ता हुआ ग्राफ
स्टार्टअप के इस बदलाव का मुख्य कारण है भारत का बढ़ता हुआ तकनीकी आधार और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले नीतिगत सुधार। सरकार ने कई पहल की हैं जैसे "स्टार्टअप इंडिया" कार्यक्रम, जिसने उद्यमियों को समर्थन देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस भव्य अभियान के तहत 118 यूनिकॉर्न तक पहुंचने का सफर बेहद प्रेरणादायक है।
युवाओं के लिए अवसरों का सागर
प्रतिदिन बढ़ते स्टार्टअप्स के साथ, युवाओं के लिए नए अवसर बनते जा रहे हैं। युवा पेशेवर अब न केवल नौकरी की तलाश कर रहे हैं, बल्कि स्वयं के उद्यम बनाने की ओर भी बढ़ रहे हैं। यह न केवल देश की आर्थिक वृद्धि में सहायक है बल्कि सामाजिक सुधारों में भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
यूनिकॉर्न का उदय
भारत के इस स्टार्टअप आंदोलन ने 118 यूनिकॉर्न्स का निर्माण किया है, जो कि एक अद्वितीय मील का पत्थर है। यूनिकॉर्न की श्रेणी में शामिल होने वाले स्टार्टअप्स का मूल्यांकन $1 बिलियन से अधिक होता है। यह आंकड़े हमें यह बताते हैं कि भारतीय स्टार्टअप्स अब वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं।
सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि ये आँकड़े इस बात का सूचक हैं कि भारत अब विश्व के सबसे बड़े स्टार्टअप हब में से एक बनता जा रहा है। इसमें नए विचारों और अभिनव दृष्टिकोणों की भरमार है।
निष्कर्ष
नेशनल स्टार्टअप डे निश्चित ही एक उत्सव है जो न केवल उद्यमिता को प्रोत्साहित करता है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल भविष्य की ओर भी इशारा करता है। जैसे-जैसे और अधिक युवा अपने स्टार्टअप की शुरुआत कर रहे हैं, हम निश्चित ही आने वाले वर्षों में और भी बड़े सफलताओं की आशा कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए पढ़ें
इन्हें भी पढ़ें: भारत में स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या, यूनिकॉर्न बनाने की प्रक्रिया, और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता योजनाएँ। अधिक अपडेट्स के लिए, indiatwoday.com पर जाएं। Keywords: नेशनल स्टार्टअप डे, भारत में स्टार्टअप, हर घंटे एक स्टार्टअप, स्टार्टअप इंडिया, यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स, युवा उद्यमिता, स्टार्टअप इकोसिस्टम, तकनीकी नवाचार, भारत के स्टार्टअप, उद्यमिता के अवसर.
What's Your Reaction?






