हिमाचल राज्यपाल के बयान पर मंत्री नेगी का पलटवार:बोले- चुनावी वादा पूरा करने को है सरकार; नेता-प्रतिपक्ष को चाटुकारिता न करने की नसीहत

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के बयान पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार किया है। जगत नेगी ने कहा, नौतोड़ नियम में प्रावधान है कि जिन जनजातीय लोगों के पास 20 बीघा से कम भूमि है, उन्हें 20 बीघा जमीन देने का प्रावधान है। बशर्ते, वह जमीन सरकारी भूमि (अनडिमार्केटेड फॉरेस्ट) हो। जगत नेगी ने कहा, पात्र लोगों को जमीन देने के 12742 केस पेडिंग हो गए हैं। इसके लिए राज्यपाल से 5 बार वह खुद फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट 1980 (FCA) को सस्पेंड करने का आग्रह कर चुके हैं। पूर्व में 3 राज्यपाल पहले भी कर चुके हैं। तब भी जरूरतमंदों को जमीन दी गई है। राज्यपाल के पास FCA सस्पेंड करने की शक्तियां: नेगी जनजातीय लोगों को 20 बीघा तक जमीन देने का प्रावधान 1968 में डॉ. यशवंत सिंह परमार सरकार ने किया था। इसके बाद हजारों लोगों को नौतोड़ जमीन दी गई। मगर FCA एक्ट बनने के बाद गैर जनजातीय क्षेत्र में यह नियम बंद कर दिया गया। मगर ट्राइबल में अभी भी नियम है। इसके लिए राज्यपाल के पास FCA सस्पेंड करने की शक्तियां है। नेगी ने कहा, बहुत सारा इलाका बॉर्डर एरिया के साथ है। ऐसे लोगों को वहीं रोकने व रोजगार के लिए जमीन देनी होगी। इससे जनजातीय परिवारों का उत्थान होगा। गवर्नर को मंत्री का जवाब बता दें कि गवर्नर ने कहा था कि हम किसी का चुनावी वादा पूरा करने को नहीं है। मंत्री जगत नेगी ने इस वक्तव्य को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, चुनी हुई सरकार चुनावी वादा पूरा करने के लिए ही है। जनजातीय क्षेत्र में नौतोड़ बहाली करना कांग्रेस का वादा है। जहां तक शपथ की बात है संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोगों को संविधान की शपथ लेनी पड़ती है। हम निष्पक्ष होकर काम की शपथ लेते हैं। लोकतांत्रित ढंग से अपनी बात को मनाने का संविधान अधिकार देता है। जयराम को नेगी की नसीहत, चाटुकारिता छोड़े जगत नेगी ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा, चाटुकारिता छोड़े और उन्हें सीख देना छोड़े। आप जनजातीय के हित में काम करें। दरअसल, जयराम ठाकुर ने राजभवन पर मंत्री के बयान पर आपत्ति के बाद राजस्व मंत्री पर निशाना साधा था और उन्होंने मुख्यमंत्री से मंत्री पर लगाम करने की मांग की थी। इस पर नेगी ने कहा कि पूर्व सरकार ने पांच साल में केवल एक चहेते व्यक्ति को ही नौतोड़ दिया। अब कांग्रेस नौतोड़ देने की दिशा में आगे बढ़ रही है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने भाजपा को जनजातीय का विरोधी बताया। जयराम हमे सीख न दें। वाइब्रेंट एरिया स्कीम में एक भी पैसा नहीं मिला जगत नेगी ने कहा, कि बॉर्डर इलाके के लिए केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो बजट का प्रावधान था। मगर बीजेपी सरकार बॉर्डर एरिया के लिए वाइब्रेंट विलेज स्कीम लेकर आई। केंद्र से कई मंत्री वाइब्रेंट एरिया में आए। हिमाचल ने 700 करोड़ रुपए की स्कीम इस योजना के तहत केंद्र को भेजी। मगर एक भी रुपया केंद्र ने इस स्कीम में नहीं दिया।

Jan 8, 2025 - 15:05
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हिमाचल राज्यपाल के बयान पर मंत्री नेगी का पलटवार:बोले- चुनावी वादा पूरा करने को है सरकार; नेता-प्रतिपक्ष को चाटुकारिता न करने की नसीहत
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के बयान पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार किया

हिमाचल राज्यपाल के बयान पर मंत्री नेगी का पलटवार

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राज्यपाल के बयान का मंत्री नेगी ने किया खंडन

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में राज्यपाल द्वारा दिए गए एक बयान पर मंत्री नेगी का तीखा पलटवार सामने आया है। नेगी ने कहा कि सरकार चुनावी वादों को पूरा करने के प्रति पूरी तरह संकल्पित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष को राजनीतिक लाभ उठाने के लिए चाटुकारिता नहीं करनी चाहिए। यह बयान उस समय आया जब राज्यपाल ने सरकार की योजनाओं को लेकर सवाल उठाए थे।

चुनावी वादों की अहमियत

मंत्री नेगी ने जोर देकर कहा कि चुनावी वादे केवल शब्दों का खेल नहीं हैं, बल्कि जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने विकास की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं और यह जनता के लिए लाभकारी साबित होंगे। इससे पूर्व, राज्यपाल के बयान ने वर्तमान सरकार की नीतियों पर संदेह की स्थिति उत्पन्न की थी।

नेता-प्रतिपक्ष को नसीहत

नेगी ने नेता-प्रतिपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें जिम्मेदारी से और सजगता के साथ आलोचना करनी चाहिए। चाटुकारिता न करके वास्तविकता को समझना और जनहित में सुझाव देना ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने राज्यपाल के मूल्यांकन को लेकर भी सतर्कता बरतने का सुझाव दिया। यह सही समय है जब सभी पक्षों को मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करना चाहिए।

अगले कदम और जनता की प्रतिक्रिया

यह कहना भी आवश्यक है कि मंत्री नेगी ने जनता से सीधा संवाद करने का आश्वासन दिया है और जल्द ही जनता की समस्याओं के समाधान के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी। उनका उद्देश्य है कि जनता का विश्वास फिर से जीतना और यह साबित करना कि उनकी सरकार केवल वादे नहीं, बल्कि उन्हें पूरा करने में भी सक्षम है।

इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा और अन्वेषण की आवश्यकता है, ताकि राजनीतिक स्थिरता कायम रहे और जनता को उनके अधिकार मिल सकें।

निष्कर्ष

इस घटनाक्रम ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। मंत्री नेगी का परखने वाला बयान इस बात को दर्शाता है कि सरकार अपने वादों को लेकर कितनी गंभीर है और विपक्ष को किस तरह की राजनीति करनी चाहिए।

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