लाहौल में हुई दुनिया की सबसे ऊंची स्नो मैराथन:250 लोगों ने किया पार्टिसिपेट, सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी शामिल

लाहौल के सिस्सू में विश्व की सबसे ऊंची और एशिया की पहली स्नो मैराथन का चौथा संस्करण संपन्न हुआ। लाहौल प्रशासन द्वारा आयोजित इस मैराथन में 250 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों की भागीदारी सबसे ज्यादा रही। रविवार सुबह 6 बजे शुरू हुई मैराथन में चार श्रेणियां थीं - 42 किमी फुल मैराथन, 21 किमी हाफ मैराथन, 10 किमी और 5 किमी दौड़। फुल मैराथन में लाहौल स्पीति के भारतीय सेना जवान हेत राम ने 3 घंटे 37 मिनट 24 सेकेंड में पहला स्थान हासिल किया। सेना के तमचोस दूसरे और शरण तीसरे स्थान पर रहे। महिला वर्ग में मनाली की तेंजिन डोलमा ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। 21 किमी हाफ मैराथन में सेना के नागडोल पहले, नामग्याल दूसरे और रविकांत तीसरे स्थान पर रहे। महिलाओं में नताशा और विभूति क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहीं। 10 किमी दौड़ में सेना के तेंजिन विजेता रहे। रोहित दूसरे और सौरभ तीसरे स्थान पर रहे। महिलाओं में निधि झा और समृद्धि वर्मा ने क्रमशः पहला और दूसरा स्थान हासिल किया। महिलाओं में प्रियंका पहले और रेखा चौधरी दूसरे स्थान पर 5 किमी पुरुष वर्ग में विमल, विजय सिंह और प्रताप ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। महिलाओं में प्रियंका पहले और रेखा चौधरी दूसरे स्थान पर रहीं। इस मैराथन में 7 वर्षीय से लेकर 69 वर्षीय लोगों ने भी हिस्सा लिया। स्नो मैराथन के संस्थापक गौरव शिमर ने बताया कि प्रतिभागियों ने स्वच्छता अभियान और हिमालय संरक्षण के प्रति पर्यटकों को जागरूक किया। लाहौल स्पीति के उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि प्रशासन जिले में पर्यटन के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है। इसी कड़ी में लाहुल में स्नो फेस्टिवल का भी आयोजन किया जा रहा है।

Mar 23, 2025 - 22:00
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लाहौल में हुई दुनिया की सबसे ऊंची स्नो मैराथन:250 लोगों ने किया पार्टिसिपेट, सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी शामिल
लाहौल के सिस्सू में विश्व की सबसे ऊंची और एशिया की पहली स्नो मैराथन का चौथा संस्करण संपन्न हुआ। ल

लाहौल में हुई दुनिया की सबसे ऊंची स्नो मैराथन

लाहौल, भारत में हाल ही में दुनिया की सबसे ऊंची स्नो मैराथन का आयोजन किया गया। इस विशेष इवेंट में 250 लोगों ने भाग लिया, जिसमें आम नागरिकों के साथ-साथ सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी शामिल थे। यह मैराथन न केवल एक उत्कृष्ट खेल आयोजन था, बल्कि यह लोगों के साहस और दृढ़ता का प्रतीक भी बन गया।

इवेंट का महत्व

इस स्नो मैराथन का आयोजन लाहौल की बर्फीली पहाड़ियों में किया गया था, जो एडवेंचर प्रेमियों और रनिंग के शौकीनों के लिए एक अद्वितीय चुनौती थी। उच्च ऊंचाई, ठंडी जलवायु और बर्फ से ढकी सतह ने इसे दोस्तों और परिवारों के लिए एक यादगार अनुभव बना दिया।

प्रतिभागियों का अनुभव

प्रतिभागियों ने इस इवेंट के दौरान न केवल शारीरिक चुनौतियों का सामना किया, बल्कि उन्होंने आपस में बंधन बनाने का भी शानदार मौका पाया। सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों ने अपने अनुभवों को साझा किया, जिससे सभी को प्रोत्साहन मिला।

स्थानीय संस्कृति और पर्यटन

लाहौल में इस तरह के आयोजनों का स्थानीय संस्कृति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे स्पोर्ट्स इवेंट्स स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देते हैं और यहां की प्राकृतिक सुंदरता का प्रचार करते हैं। आयोजकों ने इस इवेंट के लिए व्यापक तैयारी की थी, जिससे सब कुछ सुचारू रूप से चला।

भविष्य की योजनाएँ

इस सफल स्नो मैराथन की संख्या बढ़ाने के लिए आयोजक भविष्य में इस कार्यक्रम को नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इसका उद्देश्य न केवल खेल को बढ़ावा देना है, बल्कि लाहौल की अद्वितीय सुंदरता और साहसिकता को भी उजागर करना है।

इस इवेंट के माध्यम से लाहौल की पहचान को एक नया आयाम मिला है और उम्मीद की जा रही है कि आगे चलकर और अधिक लोग इस अद्वितीय स्नो मैराथन का हिस्सा बनेंगे।

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